कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में सीएम डॉ मोहन यादव शपथ ले चुके हैं। उनके साथ दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए हैं। इसी के साथ ही अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा और कौन से चेहरे उसमें शामिल किए जाएंगे। सबसे ज्यादा उम्मीद ग्वालियर चंबल अंचल को है। क्योंकि इस अंचल से दो CM फेस चर्चाओं में थे लेकिन वे CM नहीं बन पाए। ऐसे में अब अंचल की 18 सीटों से जीते विधायक मंत्रिमंडल में जगह मिलने की आस लिए बैठे हुए हैं।

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मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की शपथ के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। सबसे ज्यादा उम्मीद ग्वालियर चंबल अंचल को है, क्योंकि इस अंचल से 2020 में 9 मंत्री बनाए गए थे। जिनमें चार कैबिनेट मंत्री और पांच राज्य मंत्री शामिल थे। 2018 की तुलना में इस बार भारतीय जनता पार्टी ने ग्वालियर चंबल अंचल में रिकॉर्ड 18 सीट हासिल की है। ऐसे में मंत्रिमंडल में जगह मिलने वालों की दावेदारी भी बढ़ गई है, चर्चा है कि इस बार अंचल से 7 से 10 मंत्री बनाए जा सकते हैं। सबसे पहले आपको जिलेवार अंचल से आने वाले मंत्री पद के सीनियर दावेदारों के चेहरों से रूबरू कराते हैं।

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ग्वालियर जिला

  • ग्वालियर विधानसभा- प्रद्युम्न सिंह तोमर
  • ग्वालियर दक्षिण- नारायण सिंह कुशवाह

मुरैना जिला

  • सुमावली विधानसभा- एंदल सिंह कंसाना

भिंड जिला

  • भिंड विधानसभा- नरेंद्र सिंह कुशवाह
  • मेहगांव विधानसभा- राकेश शुक्ला

शिवपुरी जिला

  • शिवपुरी विधानसभा- देवेंद्र कुमार जैन
  • कोलारस विधानसभा- महेंद्र सिंह यादव
  • करेरा (रिजर्व) विधानसभा- रमेश खटीक

गुना जिला

  • गुना विधानसभा (रिजर्व)- पन्नालाल शाक्य

अशोकनगर जिला

  • मुंगावली विधानसभा- बृजेन्द्र सिंह यादव

कांग्रेस के कद्दावर चेहरों को हराकर पहली बार विधायक बने चेहरे को भी मिल सकता है मंत्री पद का तोहफा

भितरवार विधानसभा

मोहन सिंह राठौड़, कांग्रेस के पूर्व मंत्री और 4 बार के विधायक लाखन सिंह को हराया

लहार विधानसभा

अमरीश शर्मा उर्फ गुड्डू, साल 1990 से लगातार विधायक और कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह को हराया

पिछोर विधानसभा

प्रीतम लोधी, कांग्रेस का अवैध किला माने जाने वाली इस सीट पर प्रीतम लोधी ने जीत दर्ज की है।

मंत्रिमंडल में अंचल को मिल सकती है मजबूती से जगह

अंचल के राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि मध्य प्रदेश में इस बार ग्वालियर चंबल अंचल से CM पद की मजबूत दावेदारी थी, लेकिन CM नहीं बनाया जा सका। ऐसे में अब सबसे ज्यादा उम्मीद मंत्री मंडल से है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के करीबियों के साथ ही जातिगत समीकरण और 2024 की तैयारी को देखते हुए अंचल को मंत्रिमंडल में मजबूती से जगह मिल सकती है।

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भाजपा ने कही यह बात

बीजेपी नेता लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी 2018 की तुलना में 2023 में मजबूती से अंचल में उभरी है। ऐसे में अंचल का मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व भी मजबूत रहेगा।

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने डॉक्टर मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर सभी को चौंकाया है। यही वजह है कि मंत्रिमंडल में भी कई चौंकाने वाले चेहरे देखने मिल सकते है। लिहाजा सभी की निगाहे मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी है।

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