कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। सीएम डॉ मोहन यादव ग्वालियर में जेसी मिल का निरीक्षण करेंगे। एयरपोर्ट से रवाना होने से पहले बंद हो चुकी मिल का दौरा करेंगे। मुख्यमंत्री मिल मजदूर यूनियन के लोगों से बातचीत भी करेंगे। दरअसल, घोषित रूप से 1998 से बंद जेसी मिल के 8037 के कर्मचारियों का भुगतान लंबित है। मिल में काम करने वाले मजदूरों का आज भी 80 करोड़ रुपये बकाया है।

जेसी मिल से जुड़ी कुछ खास बातें

ग्वालियर की जेसी मिल, बिरला ब्रदर्स की मिल थी। इसकी शुरुआत साल 1923 में हुई थी। सिंधिया स्टेट के महाराज जीवाजीराव सिंधिया ने घनश्याम दास बिरला को 700 बीघा से ज्यादा जमीन मिल खोलने के लिए दी थी। इस मिल में कपड़ा उत्पादन के लिए मशीनें लगाई गई थी।

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इस मिल में उस दौर में करीब 16,000 मजदूर काम करते थे। इसका परिसमापन 1992 से 1998 के बीच हुआ था। मिल की कुछ संपत्ति बेचकर करीब 26 करोड़ रुपये मिले थे। इनमें से करीब 13 करोड़ रुपये मडदूरों को बांटे गए थे। अभी भी लगभग 80 करोड़ रुपया मजदूरों का बकाया है।

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