कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप से हुई मौत के बाद सरकार के निर्देश पर ड्रग डिपार्टमेंट मैदान में उतर आया है। मेडिकल स्टोर्स से लेकर स्टॉकिस्ट तक के यहां से कफ सिरप के सैम्पल लेकर जांच की की जा रही है।
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ग्वालियर के थाटीपुर इलाके में ड्रग इंस्पेक्टर अनुभूति शर्मा ने मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण किया। कफ सिरप की गुणवत्ता जांच के लिए अलग-अलग कंपनियों के कफ सिरप के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। इस औचक निरीक्षण के दौरान, खासकर बच्चों के लिए बनाए गए पीडियाट्रिक कफ सिरप के सैंपल लिए गये।

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निर्माता कंपनियों और स्टॉकिस्ट के बारे में जानकारी इकट्ठी की गई। ड्रग इंस्पेक्टर ने मेडिकल स्टोर संचालकों को कड़ी हिदायत दी कि वे केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर ही 4 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप दें।
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यह कदम खासकर बच्चों की सेहत के मद्देनजर बेहद अहम है, क्योंकि जहरीले कफ सिरप के सेवन से कई बच्चों की जान जा चुकी है। हालांकि, जिस जहरीले कफ सिरप की वजह से मासूमों की जान गई, उसका कोई भी स्टॉक मेडिकल स्टोर्स के साथ सरकारी दवाई वितरण केंद्रों पर नही है।
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