कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश की ग्वालियर हाईकोर्ट ने पीएचई को आदेश दिया है कि कर्मचारी की पत्नी को 2 साल की सैलरी और दें। दरअसल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग (PHE) ने कर्मचारी को 62 की बजाय 60 वर्ष की उम्र में रिटायर कर दिया था। रिटायरमेंट को लेकर कर्मचारी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की मौत हो गई थी। इसके बाद पत्नी ने केस लड़ा।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग में पदस्थ सुरेश श्रीवास्तव को साल 2016 में 60 वर्ष की उम्र में नौकरी से रिटायर कर दिया था, जबकि नियमानुसार रिटायरमेंट की आयु 62 वर्ष थी। सुरेश ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने 62 वर्ष तक रोजगार जारी रखने की बात कही थी।

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इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता कर्मचारी सुरेश का निधन हो गया था। इसके बाद उनकी पत्नी ने केस को आगे बढ़ाया। 9 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद हाईकोर्ट का अहम फैसला आया। कोर्ट ने कहा कि सुरेश श्रीवास्तव को 60 की बजाय 62 वर्ष तक नौकरी में रखना चाहिए था। वहीं कोर्ट ने PHE को सुरेश की पत्नी को 2 साल का वेतन देने का आदेश दिया है।

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