कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर हाई कोर्ट परिसर में अंबेडकर मूर्ति विवाद मामला लगातार गहराता जा रहा है। भीम आर्मी ने ग्वालियर में अंबेडकर महापंचायत का आयोजन मूर्ति लगाने के समर्थन में किया। निरावली तिराहा पर आयोजित की गई इस महापंचायत के जरिए मूर्ति लगाने को लेकर एक महीने का अल्टीमेटम दिया है। एक महीने बाद मूर्ति ना लगाए जाने पर भीमआर्मी प्रदेश के सभी जिलों के साथ चौक चौराहों पर बड़ा प्रदर्शन करेगी।
भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह अंबेडकर महापंचायत में शामिल होने बुधवार को ग्वालियर पहुंचे। तय कार्यक्रम के मुताबिक, अंबेडकर महापंचायत का आयोजन यूं तो ग्वालियर के फूल बाग मैदान पर होना था, यहां से अंबेडकर पार्क में भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद हाईकोर्ट की ओर कूच भी करना था। लेकिन जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह के साथ हजारों की संख्या में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को निरावली तिराहे पर ही रोक दिया गया। इस मौके पर भारी पुलिस फोर्स भी मौजूद रहा।
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निरावली तिराहा पर महापंचायत
पुलिस प्रशासन ने शहर में आने से रोक लगाने पर भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने निरावली तिराहा पर ही अंबेडकर महापंचायत का आयोजन किया। सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष रतन सिंह ने चेतावनी दी है कि एक महीने के अंदर यदि न्यायालय द्वारा संज्ञान लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में मूर्ति नहीं लगाई जाती है तो प्रदेश के सभी जिलों के साथ ही चौक चौराहों पर भीम आर्मी बड़ा प्रदर्शन करेगी।
भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिया भड़काऊ बयान
उन्होंने सभा के दौरान भड़काऊ बयान देते हुए यह भी कहा कि हाईकोर्ट में मूर्ति लगाने का विरोध करने वाले मनुवादी वकीलों को जरूरत पड़ने पर सबक सिखाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ब्राह्मण सहित अन्य मनुवादी लोगों से हर तरह का व्यवहार रोक दिया जाए। उनके दुकान व्यापार से सामान खरीदना बंद कर दिया जाए।
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मीडिया से चर्चा कर कही ये बात
विनय रतन सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि कुछ लोग बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का विरोध कर रहे हैं । बार-बार भीम आर्मी को ललकार रहे हैं। हम इंतजार सिर्फ इस बात का कर रहे हैं कि जब नए चीफ जस्टिस मध्य प्रदेश आएंगे तो वह इस मामले पर क्या निर्णय लेते हैं। उनके आदेश पर ही हमारा अगला निर्णय होगा। यदि मूर्ति लगाने का निर्णय होता है तो हम उसे न्याय सम्मत मानेंगे, यदि मूर्ति नहीं लगने दी जाती तो हम मानेंगे कि संविधान भी दलित विरोधी है। हमने सभी मूर्ति समर्थकों से अपील की है कि वह सोशल मीडिया पर चीफ जस्टिस से मूर्ति लगाने की मांग वाला वीडियो बनाकर अपलोड करें। जो लोग चाहते हैं कि यह जातीय उन्माद फैले, हमने उस समाज के लोगों से अपील की है कि वह मूर्ति ना लगने वाले लोगों का विरोध करें वरना हम आपसे व्यवहार बंद कर देंगे। आपसे सामान खरीदना बंद करने मजबूर होंगे।
एक महीने बाद चंद्रशेखर आजाद भी आएंगे
विनय ने आगे कहा कि इस पूरे देश के अंदर कोई यह कहता हो कि भीम आर्मी मूर्ति नहीं लगा सकती है तो भीम आर्मी कहीं भी 2 घंटे में मूर्ति लगा सकती है। चुकी वह न्यायालय परिसर है वहां से देश चलता है इसलिए वह स्वतः इस मामले का फैसला ले। एक महीने बाद चंद्रशेखर आजाद भी आएंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने चंद्रशेखर आजाद पर युवती द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को लेकर कहा कि जब कोई आगे बढ़ता है तो उसे टारगेट कर इस तरह के आरोप लगते रहते हैं।
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वहीं एडिशनल एसपी कृष्ण लालचांदनी के मुताबिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गई थी। ऐसे में भीम आर्मी ने शांतिपूर्ण सभा का आयोजन किया। उनके द्वारा जो ज्ञापन दिया गया है उसको न्यायालय के साथ ही सीनियर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर भेजा जाएगा, ताकि उस पर आगे का निर्णय लिया जा सके। बहरहाल ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर के अंदर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर एक महीने का अल्टीमेटम दिया गया है। ऐसे में देखना होगा की आगे इस मामले में किस तरह का निर्णय लिया जाता है।
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