कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ये कैसा सरकारी सिस्टम है ? जी हां यह सवाल ग्वालियर से उठा है, क्योंकि यहां एक व्यक्ति को पूरे 23 साल बाद पता चला है कि जिस जाति प्रमाण का उपयोग वह जगह जगह कर रहा था, वह नकली यानी फर्जी है। बेटे के जाति प्रमाण पत्र बनवाने के दौरान उस गरीब व्यक्ति को एसडीएम दफ्तर में यह बताया गया, SDM दफ्तर में गरीब व्यक्ति को ही हड़काते हुए पुलिस कार्रवाई तक की चेतावनी मिल गई। ऐसे में रद्दी खरीदने-बेचने वाले गरीब की आंखे नम हो गयी। उसने फूट-फूट कर रोते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।
दरअसल, ग्वालियर के गोल पहाड़िया इलाके में मुकेश कुशवाह नाम का व्यक्ति रद्दी खरीदकर उसे बेचता है, जिससे उसके परिवार का पेट पलता है। मुकेश अपने बेटे को पढ़ा लिखा कर अपना अधूरा सपना पूरा करना चाहता है। लेकिन सिस्टम ने उसे ऐसा झटका दिया कि उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जब मुकेश अपने 13 साल के बेटे का जाति प्रमाण पत्र बनवाने कलेक्ट्रेट स्थित SDM दफ्तर पहुंचा। तो वहां उसे पता चला कि उसके बेटे का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन सकता है। उल्टा उसके खिलाफ FIR हो सकती है। जब उसने कारण पूछा तो उसे बताया गया कि उसके पास जो जाति प्रमाण पत्र है, वह फर्जी यानी नकली है। उसके सर्टीफिकेट का कोई भी रिकॉर्ड दफ्तर में नही है। जिसे सुनकर वह हैरान रह गया।
ये भी पढ़ें: पत्नी को बिल्ली और पति को पसंद है कुत्ता, शादी के बाद 9 महीने रहे साथ, फिर हुआ कुछ ऐसा कि तलाक तक पहुंच गई बात
क्यूंकि जिस सर्टिफिकेट को फर्जी बताया गया, उसके जरिये उसने स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के दौरान स्कॉलरशिप हासिल की थी। मुकेश का कहना है कि उसने साल 2002 में पुराने गोरखी स्थित कलेक्ट्रेट से वकील के जरिये यह सर्टिफिकेट बनवाया था। आज SDM दफ्तर उससे साल 1984 का रिकॉर्ड मांग रहा है। जिसे वह कैसे दे सकता है। मुकेश ने रोते बिलखते मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से गुहार लगाई है कि उसके साथ न्याय किया जाए।
ये भी पढ़ें: बाबा पर बलात्कार का सनसनीखेज आरोप: मंदिर पर कब्जा, महिलाओं को देखकर हो जाता है नग्न, पुलिस तक पहुंचा मामला
ऐसे फर्जीवाड़ा करने वालो पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि इनके कारण गरीब का जीवन बर्वाद हो जाता है। वहीं इस मामले में ADM सीबी प्रसाद का कहना है कि शासन के पास सभी पुराने जाति प्रमाण पत्र के रिकॉर्ड है। लेकिन मुकेश का जाति प्रमाण पत्र से जुड़ा कोई रिकॉर्ड नहीं है। जो यह बता रहा है कि उसका सर्टिफिकेट फर्जी हैं। ऐसे में उसे फिर से जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नियमों के तहत जानकारी देनी होगी। तब ही उसका जाति और उसके आधार पर ही बेटे का जाति प्रमाण पत्र बन सकेगा।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें