कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल (जेएएच) में लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. जयारोग्य में 5 दिन के अंदर लापरवाही का दूसरा बड़ा मामला उजागर हुआ है. मंगलवार को न्यूरोलॉजी में भर्ती ब्रेन हेमरेज के मरीज शिवकुमार उपाध्याय को मृत बताकर ऑक्सीनज़न वेंटीलेटर और ड्रिप हटा दी गई. ये काम ड्यूटी डॉक्टर या नर्स ने नहीं किया, बल्कि उन्होंने वॉर्डबॉय से मरीज़ के वेंटिलेटर और ड्रिप हटवाई. जिसके जिसके चलते गंभीर हालात में भर्ती मरीज शिवकुमार लगभग 20 मिनट तक बिना लाइफ सपोर्ट के बेड पर पड़ा रहा.
जब मरीजों ने जब सांसे चलती देखी, तो तत्काल डॉक्टरों को बताया. तब कहीं जाकर उसे फिर से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर लिया, लेकिन तब तक मरीज की हालत काफी बिगड़ गई और उसको इस लापरवाही का भुगतान अपनी जान गवा कर देना पड़ा. इस मामले को लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया. जिसका असर भी देखने को मिला. जयारोग्य अस्पताल (जेएएच) अधीक्षक डॉ. आर के एस धाकड़ ने आईसीयू ड्यूटी में मौजूद दो स्टाफ नर्स को तत्काल सस्पेंड कर दिया है. वार्ड बॉय को भी हटा दिया गया है. ड्यूटी में तैनात दो डॉक्टर्स को नोटिस भी जारी किया गया है.
दरअसल जयारोग्य चिकित्सालय समूह अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल है, यहां ग्वालियर और उसके आसपास के जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान से बड़ी संख्या में मरीज स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए आते हैं. इसी कड़ी में मुरैना के रहने वाले शिव कुमार उपाध्याय को ब्रेन हेमरेज होने पर जयारोग्य अस्पताल के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में 2 दिन पहले भर्ती किया था, जहां हालत गंभीर होने पर शिवकुमार को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया, लेकिन इस दौरान वार्ड बॉय ने उनके परिजनों को गुमराह करते हुए मरीज को मृत बता दिया. जिसके बाद लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी हटा दिया.
लगभग 20 मिनट तक मरीज शिव कुमार उपाध्याय बिना लाइफ सपोर्ट सिस्टम के बेड पर पड़ा रहा, लेकिन इस बीच जब परिजनों ने पाया कि मरीज की सांसे चल रही है, तो वह हैरान हो गए और तत्काल ड्यूटी डॉक्टर को घटना से अवगत कराया. जिसके बाद एक बार फिर उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर लिया गया. लेकिन वार्ड बॉय नर्सिंग स्टाफ और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर की लापरवाही की भेंट चढ़ते हुए मरीज ने बाद में दम तोड़ दिया.
लापरवाही के इस मामले को उठाए जाने के बाद अस्पताल अधीक्षक ने इस मामले में तत्काल दो ड्यूटी नर्स को सस्पेंड करने के साथ दो ड्यूटी डॉक्टर्स को नोटिस भी जारी किया है. मरीज की मौत हो जाने के चलते परिजन शव को लेकर मुरैना रवाना हो गए. हालांकि बीते 5 दिन के अंदर मरीजों की जान से खिलवाड़ के इन गंभीर मामलों के सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन और मेडिकल कॉलेज के डीन द्वारा ड्यूटी डॉक्टर की तैनाती पर सवाल उठने लगे हैं.
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