कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। राजमाता माधवी राजे सिंधिया का गुरुवार शाम अंतिम संस्कार किया गया। सिंधिया राजघराने की परंपरा अनुसार विधि-विधान से उन्हें अंतिम विदाई दी गई। उनके बेटे व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान सिंधिया फफक-फफक कर रो पड़े। ज्योतिरादित्य के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वह अपने आखों से आंसू पोछकर अपनी मां को नमन करते रहे। वहीं सिंधिया ने अपनी नम आंखों, रुआंसी आवाज और कांपते हुए हाथों से अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों को नमस्कार किया।
बुधवार को दिल्ली एम्स में राजमाता के निधन के बाद गुरुवार को प्राइवेट हवाई जहाज से उनका पार्थिव शरीर ग्वालियर लाया गया था। जहां देश के राज घराने, सीएम डॉ मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, एमपी सरकार के कई मंत्री व विधायक सहित कई राजनीतिक हस्तियों ने अंतिम दर्शन किए। दुख की इस घड़ी में पूरा राजपरिवार एक साथ नजर आया। ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया, बेटे महानआर्यमन सिंधिया, ज्योतिरादित्य की बहन चित्रांगना सिंह, बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया, यशोधरा राजे सिंधिया सहित सिंधिया परिवार और मराठा समाज के अनेक सदस्य मौजूद रहे।
बड़ोदा के राज परिवार के कई सदस्य भी अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। अंतिम दर्शन के बाद राजमाता के पार्थिव शरीर को पालकी में जय विलास पैलेस से शहर के कटोरा ताल स्थित सिंधिया छतरी तक शव यात्रा निकलते हुए ले जाया गया। जहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूरे विधि विधान से अपनी मां को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत परिवार के सभी सदस्य भावुक हो गए।
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