कमल वर्मा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर की लक्ष्मीगंज गल्ला मंडी में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। ग्वालियर और चंबल अंचल के कई किसानों से धान खरीदी गई। लेकिन व्यापारियों ने उन्हें भुगतान नहीं किया। मंडी समिति में शामिल अधिकारियों ने रिकॉर्ड में हेराफेरी की थी। किसानों की धान को तीन व्यापारियों ने डबरा स्थित वेयरहाउस में रखवाया था। इतना ही नहीं किसानों की रकम हड़पने के साथ धान पर बैंक से लोन भी निकाला गया। बताया गया कि 7 करोड़ से अधिक रुपए की धोखाधड़ी की गई है। फिलहाल पुलिस ने शिकायत पर मंडी के पूर्व सचिव सहित सात लोगों पर मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

दरअसल, ग्वालियर की लक्ष्मीगंज मंडी के सचिव ने कुछ समय पहले जनकगंज थाना में शिकायती आवेदन दिया था। जिसमें बताया गया था कि कुछ किसानों की धान की फसलों को लेने के बाद मंडी के पूर्व सचिव सहित मंडी के कुछ कर्मचारियों ने उनका पैसा नहीं दिया है। यह खरीदी 1 अक्टूबर 2024 से 17 जनवरी 2025 के बीच हुई थी। जिसमें पूर्व मंडी सचिव कदम सिंह जाटव, सहायक उपनिरीक्षक अमित गुप्ता, प्रांगण अधिकारी महेश कौशल, लाइसेंस शाखा प्रभारी सुचि गुप्ता, दुर्गा ट्रेडिंग कंपनी का संचालक कल्याण यादव, जयगुरुदेव ट्रेडिंग कंपनी का संचालक नरेश रावत और द्वारिकाधीश ट्रेडिंग कंपनी का संचालक भूपेंद्र किरार शामिल थे।

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इस मामले में लगातार मंडी के अधिकारियों से किसानों का पैसा दिलाने के लिए कहा गया था। व्यापारियों को नोटिस भी जारी किए गए थे। लेकिन इनके द्वारा न तो किसानों का पैसा दिया और न ही किसी भी नोटिस का कोई जवाब दिया। लेकिन अब वर्तमान मंडी सचिव आलोक कुमार वर्मा की शिकायत पर पुलिस ने पूर्व कर्मचारियों कदम सिंह जाटव, अमित गुप्ता, महेश कौशल, सुचि गुप्ता, कल्याण यादव, नरेश रावत और भूपेंद्र किरार पर मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

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