कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा सीट मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है, जहां 2020 में इंडियन नेशनल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इस बार डबरा विधानसभा सीट का परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होगा, यह तो जनता तय करेगी। पढ़िए डबरा का चुनावी सफर…

डबरा और ग्वालियर के बीच किलोमीटर में दूरी बहुत कम है, लेकिन विकास में दूरी बहुत ज्यादा है। लोगों ने बताया कि स्मार्ट सिटी ग्वालियर की तुलना में डबरा आज भी विकास में पिछड़ा है। क्षेत्र में आज भी मूलभूत सुविधाएं महरूम, सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था आज भी कमजोर है। डबरा में कांग्रेस विधायक सुरेश राजे काबिज है। वहीं डबरा से नरोत्तम मिश्रा, इमरती देवी जैसे दिग्गज नेता आते है।

विधायक जी का Report Card: डबरा विधानसभा कांग्रेस की सीट, लेकिन MLA दिख रहे कमजोर, जानिए समीकरण, परेशानियां और दावेदार ?

जातिगत समीकरण :-

  • SC, ST- 57 हजार
  • ब्राह्मण- 22 हजार
  • साहू- 17 हजार
  • कुशवाह- 16 हजार
  • बघेल- 15 हजार
  • रावत- 14 हजार
  • वैश्य- 12 हजार
  • मुस्लिम- 11 हजार
  • गुर्जर- 9 हजार
  • किरार- 9 हजार
  • जैन- 8 हजार
  • जाट- 7 हजार
  • सिंधी- 6 हजार
  • सोनी- 4 हजार

विधानसभा की खासियत

डबरा विधानसभा क्षेत्र को जातिगत समीकरण के हिसाब से SCST, ब्राह्मण और साहू बाहुल्य आबादी वाले क्षेत्र के रूप में जाना जाता है । यही बजह है कि इस विधानसभा से 1990,1998 और 2003 में BJP के कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा विधायक चुने गए,वही SC सीट रिजर्व होने के बाद 2008,2013,2018 में CONG का बड़ा चेहरा बन कर सामने आई इमरती देवी विधायक बनी। डबरा विधानसभा सीट कांग्रेस की सीट मानी जाती है और परिसीमन के बाद जब ये अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हुई तब से कांग्रेस ही यहां से जीत दर्ज करती आई है।

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डबरा में पहला चुनाव 1962 में हुआ और कांग्रेस के वृंदा सहाय ने जीत दर्ज की। इसके बाद 1967 और 1972 का चुनाव भी कांग्रेस ने ही जीता। 1980 में बीजेपी ने यहां से खाता खोला लेकिन अगला ही चुनाव बीजेपी हार गई, 2008 में परिसीमन के बाद ये सीट आरक्षित हो गई और इसके बाद इमरती देवी 15 साल तक विधायक रही।

डबरा विधानसभा के मतदाता

  • कुल मतदाता- 2 लाख 34 हजार 617
  • पुरुष- 1 लाख 24 हजार 545
  • महिला- 1 लाख 10 हजार 65
  • थर्ड जेंडर- 07
  • जेंडर- 884

विधानसभा में कौन विधायक किस पार्टी से जीते

  • 1977 में JNP पार्टी के गोपीराम को 21520 वोट मिले वही कांग्रेस के पहाड़ सिंह को 16199 वोट मिले। गोपीराम 12277 वोट से चुनाव जीते।
  • 1980 में BJP के जगन्नाथ सिंह को 16347 वोट वही CONG से गोविंद सिंह को 15557 वोट मिले थे. 7085 वोट से BJP के जगन्नाथ सिंह जीते।
  • 1985 में CONG के नरसिंह राव पवार को 26705 और BJP के जगन्नाथ सिंह रावत को 13016 वोट मिले, 13805 के अंतर से नरसिंह राव पवार जीते।
  • 1990 में BJP के डॉ नरोत्तम मिश्रा को 24361 और BSP के लाल घाघले को 17349 वोट मिले, 9737 के अंतर से डॉ नरोत्तम मिश्रा जीते।
  • 1993 में BSP के जवाहर सिंह रावत को 30627 और CONG के सीताराम दुबे को 25319 वोट मिले,8782 वोट से जवाहर सिंह रावत जीते।
  • 1998 में BJP के नरोत्तम मिश्रा को 26672 औऱ बीएसपी के लाल बघेल को 22935 वोट मिले, 5463 वोट से नरोत्तम मिश्रा जीते।
  • 2003 में BJP के नरोत्तम मिश्रा को 32653 और कांग्रेस के रामसेवक सिंह बाबूजी को 31884 वोट मिले, 4861 वोट से नरोत्तम मिश्रा जीते।
  • 2008 में CONG की इमरती देवी को 29134 और बीएसपी के हरि गोविंद जोहरी को 18504 वोट मिले,10630 वोट से इमरती देवी जीती।
  • 2013 में CONG की इमरती देवी को 67764 वोट और बीजेपी के सुरेश राजे को 34486 वोट मिले, 33278 वोट से इमरती देवी जीती।
  • 2018 में CONG की इमरती देवी को 90598 और बीजेपी के कप्तान सिंह सहसारी को 33152 वोट मिले, 57446 वोट से इमरती देवी जीती.
  • 2020 उपचुनाव में CONG के सुरेश राजे को 75689 वोट और BJP की इमरती देवी को 68065 वोट मिले,7633 वोट से सुरेश राजे जीते।

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अभी तक चुनाव में राजनीतिक दलों की स्थिति

1977 से अब तक 5 बार BJP और 5 बार INC को जीत हासिल हुई है, वहीं 1 बार BSP को जीत मिली है। विधानसभा चुनाव 2023 में किसकी जीत होगी यह तो तीन दिसंबर को आने वाले परिणाम में पता चल जाएगा।

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