कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। साइबर बिंग और क्राइम ब्रांच की टीम ने साइबर फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा खुलासा किया है। साइबर फ्रॉड के लिए म्युल खाते खरीदने बेचने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड, MP ऑनलाइन कियोस्क संचालक समेत गिरोह के सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए मास्टरमाइंड का नाइजीरिया चीन समेत अन्य देशों से अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन सामने आया है। गिरोह क्रिप्टोकरेंसी USDT के माध्यम से सायबर फ्रॉड की राशि को विदेश भेजते थे। साइबर फ्रॉड करने वाली गैंग से 84 एटीएम और 9 मोबाइल बरामद हुए है। आरोपियों से पूछताछ के बाद कई महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना SSP धर्मवीर सिंह ने जताई है।
दरअसल इन दिनों साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी बीच ग्वालियर की साइबर क्राइम टीम को मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि शहर के नया बाजार स्थित बाबा महाकाल एमपी ऑनलाइन कियोस्क के संचालक नरेंद्र सिकरवार की ओर से साइबर फ्रॉड में उपयोग किए जाने वाले म्युल बैंक खाता खोले जाते हैं। सूचना की तस्दीक करने के बाद ग्वालियर साइबर क्राइम बिंग ने कियोस्क सेंटर पर दबिश दी। मौके पर कियोस्क के खोले गए बैंक खातों का रिकॉर्ड चेक किया गया, जिसमें सामने आया कि ज्यादातर बैंक खाता बाहरी राज्यों से किसी न किसी साइबर फ्रॉड में रिपोर्ट किए गए हैं।
मास्टरमाइंड तक ऐसे पहुंची पुलिस
साथ ही मौके पर कियोस्क संचालक से फिनो बैंक के काफी संख्या में एटीएम कार्ड की किट भी बरामद की गई। शुरुआती पूछताछ में सामने आया कि नरेंद्र सिकरवार अकेला इस फर्जीवाड़े को कंट्रोल नहीं कर रहा था। उसके साथ अन्य सदस्य भी है, जो बैंक खाता खरीदने और बेचने के साथ ही खाता खुलवाने का काम करते हैं। कड़ाई से की गई पूछताछ के बाद कियोस्क संचालक नरेंद्र सिकरवार के पांच साथियों को हिरासत में लिया गया और जब पूछताछ की गई तो पता चला कि सोनू जाटव नाम का व्यक्ति ग्वालियर में म्युल खाते खरीदने और बेचने का मास्टरमाइंड है। ग्वालियर में जितने भी बैंक खाते खुलवाए जाते हैं, वह सभी सोनू जाटव ने ही खरीदे है।
क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से विदेश भेजी राशि
साइबर क्राइम टीम ने इस जानकारी के जरिए सोनू जाटव को भी धर दबोचा। सोनू जाटव से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि ग्वालियर में जो भी व्यक्ति साइबर फ्रॉड के लिए बैंक खाता बेचता है, वह उन खातों को खरीदता है और उदयपुर में अपने साथी को बेच देता है जिसके जरिए साइबर फ्रॉड की राशि को USDT में कन्वर्ट करके विदेशों में भेजा जाता है। जब सोनू जाटव के मोबाइल की चैट को चेक किया गया तो उसमें नाइजीरिया चीन समेत अन्य देशों में बातचीत होना पाया गया। साथ ही यह रिकॉर्ड भी मिला कि ग्वालियर के सैकड़ों बैंक खातों को आरोपी सोनू जाटव अपने साथियों को साइबर फ्रॉड के लिए दे चुका है, लेकिन इनमें कितनी राशि अभी तक क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से विदेश भेजी गई है, इसकी टीम जांच कर रही है। साइबर फ्रॉड करने वाली गैंग से 84 एटीएम और 09 मोबाइल बरामद हुए है। गैंग ने NSDL पेमेंट बैंक, FINO पेमेंट बैंक, बैंक ऑफ स्माइल में ये खाते खुलवाए थे।
गैंग के आरोपियों के नाम
- मास्टरमाइंड सोनू जाटव शिवपुरी जिले के नरवर स्थित कैखोड का रहना वाला है।
- ऑनलाइन कियोस्क संचालक नरेंद्र सिंह ग्वालियर के कंपू स्थित चना कोठार का रहने वाला है।
- जेश रजक ग्वालियर के झांसी रोड स्थित देव नगर कॉलोनी का रहने वाला है।
- अजय परिहार ग्वालियर के झांसी रोड स्थित देव नगर कॉलोनी का रहने वाला है।
- नकुल परिहार ग्वालियर के झांसी रोड स्थित विक्की फैक्ट्री के पास का रहने वाला है।
- निकेश साहू ग्वालियर के कम्पू स्थित आमखो का रहने वाला है।
- परमार सिंह ग्वालियर के थाटीपुर क्षेत्र का रहने वाला है।
SSP ने कही ये बात
ग्वालियर एसएसपी धर्मवीर सिंह यादव का कहना है कि यह गैंग कितने समय से साइबर फ्रॉड के लिए काम कर रही थी, इस गैंग में कितने और अन्य लोग शामिल है इसकी जानकारी ली जा रही है। इसके अलावा जिन बैंकों में यह म्युल खाते खुलवाए गए हैं, उसमें खाता धारक और बैंक प्रबंधन का कोई कनेक्शन है या नहीं ? इसकी भी जांच की जा रही है। अगर गैंग के साथ इस फर्जीवाड़े में कनेक्शन सामने आता है तो उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा। फिलहाल पकड़ी गई गैंग के आरोपियों की रिमांड मांगने के लिए कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस रिमांड के बाद साइबर फ्रॉड गैंग से बहुत से अहम खुलासे होने की संभावना है।
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