कमल वर्मा, ग्वालियर। साइबर क्राइम इस हद तक बढ़ते जा रहे है कि अब समझ नहीं आता की क्या सच है और क्या झूठ। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के ग्वालियर के महिला मेडिकल ऑफिसर को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने का मामला सामने आया है। ठगों ने महिला से 38 लाख रुपए ठग लिए। शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

कैसे हुई शुरुआत
परिवार कल्याण केंद्र में पदस्थ महिला मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर सुजाता बापड़ को ठगों ने कॉल कर सीबीआई विभाग का अफसर बताते हुए अपना नाम राजीव गुप्ता बताया। डॉक्टर सुजाता को कहा कि, लखनऊ से म्यांमार के लिए एक पार्सल बुक किया गया है। पार्सल में 20 पासपोर्ट, 3 क्रेडिट कार्ड, एक लैपटॉप, 50 ग्राम एमडीएमए और 4 किलो कपड़ा है। पार्सल में रिसीवर का पता जॉन डेविड हाउस नंबर 207 सिटी डैगान स्टेट योगून म्यांमार लिखा है। जिसमें महिला डॉक्टर का फोन नंबर दिया गया है।

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ऐसे फंसाया डॉक्टर महिला को
इसके साथ ही म्यांमार में 60 लोगों के आंख, नाक, कान निकालने पर 3.80 करोड़ रुपए आपके एचडीएफसी बैंक के एकाउंट में पहुंचे हैं। तभी उनकी इस बात को सुन डॉक्टर सुजाता घबरा गई। सुजाता ने खुद को निर्दोष बताया, तो ठग ने उन्हें वीडियो कॉल कर बातचीत की और उनका अरेस्ट वारंट का ऑडर दिखाया। फिर मदद करने का झांसा देकर अलग-अलग एफडी तुड़वाकर 35 लाख रुपए अपने खाते में अरटीजीएस से ट्रांसफर करा लिए। ठगों ने सुजाता को इस संबंध में पति या किसी को भी बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी।

पैसे वापस देने का किया था वादा
आरोपियों ने महिला डॉक्टर को केस सैटल होने और रिलीव मिलने का भरोसा दिया। इसके बाद एकाउंट में बचे रुपयों की जानकारी लेकर 3 लाख रुपए फिर ट्रांसफर करा लिए। ठग ने ये तक भी कहा कि आप का केस निपटने पर पूरी रकम वापस हो जाएंगी। लेकिन उनके पैसे वापस नहीं आए तो सुजाता ने अपने पति को सारी बात बताई। तब ठगी का पता चला और क्राइम ब्रांच थाने पहुंचकर शिकायत की।

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बता दें कि, शहर में एक माह के अंदर महिलाओं को डिजिटली अरेस्टर कर बड़ी ठगी की यह दूसरी घटना है। इससे पहले वृद्ध शिक्षिका आशा भटनागर से 51 लाख रुपए की ठगी की गई थी, जिसमें सरगना सहित चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। फिलहाल क्राइम ब्रांच पुलिस ने उनकी शिकायत पर अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।

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