कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने दहेज प्रताड़ना (dowry harassment) के मामलों को लेकर सख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि घरेलू विवाद को दहेज प्रताड़ना का रूप देना कानून का दुरुपयोग है, ऐसे खेस खारिज किया जाए।

दरअसल, प्रदेश के भिंड (Bhind) जिले में मेनका शर्मा नामक महिला ने शादी के 7 साल बाद दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया था। 16 जनवरी 2021 को भिंड में एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसमें जिसमें भोपाल (Bhopal) निवासी चचिया सास ससुर उनकी बेटी और भतीजे का भी नाम दर्ज कराया था। उच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के बाद दहेज प्रताड़ना की FIR निरस्त कर दी।

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हाईकोर्ट ने कहा कि जो साथ में रहते नहीं वो दहेज के लिए कैसे प्रताड़ित कर सकते हैं। परिवार में छोटे-मोटे विवाद को दहेज़ प्रताड़ना का रूप देकर पूरे परिवार को फंसा देना कानून का दुरुपयोग है।

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