कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के इलाज के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों में खुलेआम लूटपाट की गई। अस्पताल ने खूब कमाई की लेकिन अब समाज के सक्षम लोग उन्हें सबक सिखाने के लिए कदम उठा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला ग्वालियर में समाने आया है, जहां सीजेएम कोर्ट ने ग्वालियर-चंबल अंचल के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बिरला हॉस्पिटल के मुख्य ट्रस्टी गोविंद देवड़ा ओर सीईओ वेदप्रकाश पांडे के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज करने के आदेश दिए है।
ये आदेश जज की पत्नी के जेवर हड़पने के मामले में दिए गए है। दरअसल कोविड के दौरान रिटायर्ड जज की पत्नी सरला तोमर को 19 अप्रैल 2021 को बिरला अस्पताल में भर्ती कराया था,जिसके बाद 29 अप्रैल को कोविड से उनकी मौत हो गयी थी। खास बात यह थी कि जब उन्हें हॉस्पिटल लाया गया था तब वे सोने हीरे के जेवरात पहने हुए थी। लेकिन उनकी डेथ के बाद उन्हें अस्पताल प्रबंधन ने जेवरात वापस नही किए। जिसको लेकर उपभोक्ता फोरम के जज ने गोला का मंदिर थाना पुलिस से शिकायत की।
लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि पुलिस ने इस केस में ख़ात्मा रिपोर्ट लगा दी थी। जिसके बाद फरियादी ने कोर्ट की शरण ली,कोर्ट के आदेश पर अब बिरला हॉस्पिटल प्रबंधन के विरुद्ध अमानत में खयानत का मामला हॉस्पिटल के मुख्य ट्रस्टी गोविंद देवड़ा, सीईओ वेद प्रकाश पांडे के विरुद्ध चलेगा। गौरतलब है कि शिवपुरी के उपभोक्ता फोरम द्वारा इसी मामले में अस्पताल प्रबंधन पर 12 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि पीड़ित परिवार को देने का आदेश भी पूर्व में दिया जा चुका है। वही क्रिमिनल केस की सुनवाई में सीजेएम कोर्ट ने यह आदेश दिया है।
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