कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। एक बार फिर भारी हंगामे के बीच ग्वालियर नगर निगम की बैठक स्थागित हो गयी है। ये हंगामा शहर की सफाई मुद्दे के साथ-साथ 4 बिदुओं पर हुआ। जिसमें बीजेपी के पार्षद निगम के आधिकारियों पर सीधा आरोप लगा रहे थे। साथ ही निगम के अपर आयुक्त विजयराज की कार्यशैली को लेकर निंदा प्रस्ताव ले आए थे। इस दौरान निगम आयुक्त हर्ष सिंह ने पहले अपर आयुक्त का बचाव किया। साथ ही कहा कि अगर निंदा प्रस्ताव लाना है, तो उनके खिलाफ लाएं। क्योंकि निगम सहिंता कहती है कि निंदा प्रस्ताव सिर्फ आयुक्त के लिए लाया जा सकता है।

दरअसल ग्वालियर में लोकसभा चुनाव के बाद अब निगम के 66 पार्षदों की परिषद बैठक हो रही थी। इस दौरान, कांग्रेस ओर बीजेपी के पार्षद सफाई, नाला ओर जलभराव की समस्या से परेशान हैं। साथ ही निगम में शिकायत करने पर उस पर अमल नहीं हो रहा है। इसको लेकर बीजेपी पार्षदो ने जमकर हंगामा कर दिया। साथ ही निगम अधिकारियों पर बदसलूकी के आरोप भी लगाए। 

नगर निगम में भृत्य को कर संग्रहक, सिविल इंजीनियर को मैकेनिकल, इंजीनियरों को उपायुक्त जैसे प्रभार दिए जाने से विपक्ष में बैठे भाजपा के पार्षदों ने हंगामा मचाया। वे सभी उठकर सभापति मनोज तोमर की आसंदी को घेरकर खड़े हो गए। नेता प्रतिपक्ष हरीपाल सहित पार्षदों ने सभापति से कहा कि जब तक सिस्टम में सुधार करने का फैसला नहीं होगा तब तक विपक्ष का विरोध जारी रहेगा। चाहे तो उन्हें पुलिस बुलाकर जेल पहुंचा दिया जाए। इसके बाद वे फिर धरना देने के लिए बैठ गए। 

इस पर निगम आयुक्त ने कहा कि ये हमारी व्यवस्था है। क्योंकि निगम में पार्यप्त कर्मचारी नहीं हैं, इसलिए सभी को अतिरिक्त प्रभार दिए जाते हैं। वहीं निगम में भारी हंगामे को देखकर सभापति मनोज तोमर 19 जुलाई तक के लिए निगम की बैठक को स्थागित कर दिया।

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