कर्ण मिश्र, ग्वालियर: नेता, मंत्री और अफसरों से जुगाड़ लगाकर नगर निगम में मलाईदार पद लेने वाले अफसरों को ग्वालियर नगर निगम की परिषद में बड़ा झटका लगा है। अब बाबू की जगह बाबू ही काम करेंगे। अधिकारियों को मूल पद पर तैनात करने के आयुक्त को आदेश दे दिए गए है। साथ ही सीनियरिटी के हिसाब से पदस्थापना की जाएगी। नगर निगम परिषद की बैठक में लगातार यह मामला तूल पकड़ा हुआ था। बैठक में बीजेपी पार्षद ब्रजेश श्रीवास ने निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के बारे में चोर,सरगना, जेबकतरा जैसे शब्दों का प्रयोग भी कर दिया था। इस मामले को लेकर ग्वालियर संभाग आयुक्त दीपक सिंह तक शिकायत भी की गई थी।

सोमवार को ब्रजेश श्रीवास ने परिषद शुरू होने के बाद उन आधिकारियों को जमीन पर लेटकर दंडवत प्रणाम किया। साथ ही कहा कि ये मुहावरे हैं, लेकिन ये सच है। निगम के कर्मचारी ऐसे हो गए हैं। जिसके बाद बीजेपी और कांग्रेस के पार्षदों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया। महिला पार्षदों ने आंसदी को घेरने के साथ ही धरने पर बैठ गई। दो बार परिषद को स्थगित करना पड़ा। जिसके बाद सभापति ने कर्मचारियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इसके साथ ये भी कहा है कि जिन अधिकारियों ने संभाग आयुक्त से शिकायत की है उनके खिलाफ जांच की जाएं। 15 दिन में सदन को अवगत कराएं।

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अब बाबू की जगह, बाबू ही करेंगे काम

बता दें कि ग्वालियर नगर निगम में बीते छह महीने से एक बात पर जमकर हंगामा हो रहा था। हंगामे की वजह यह थी कि नगर निगम में बाबू इंजीनियर बन गए है, क्लर्क…जोनल ऑफिसर, इंजीनियर और उपायुक्त बन गए हैं। निगम में जो लोग दूसरे विभागों से आए है, उनमें से दो दर्जन से ज्यादा निगम के अफसर दागी है। ऐसे में सोमवार को नगर निगम परिषद ने बड़ा फैसला पारित किया है। अब बाबू की जगह, बाबू ही काम करेंगे। जरूरत पड़ती है, तो केवल एक पद का ही प्रमोशन हो सकता है। साथ ही जो जिस पद के लिए नियुक्त वो उसी कुर्सी पर बैठगा।

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