कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। ग्वालियर जिले के खड़ौआ गांव की रहने वाली भारती रावत को आखिरकार सरपंच का ताज मिल ही गया है. दरअसल पीठासीन अधिकारी की गलती से भारती सरपंच के चुनाव में 123 वोट से हार गई थी. मतगणना के दौरान पीठासीन अधिकारी ने भारती को एक पोलिंग पर मिले 168 वोट की बजाए जीरो वोट लिख दिए थे. जब गणना हुई तो भारती रावत 123 वोट से हार गई, लेकिन गणना पत्र में वोटों के मिलान के दौरान भारती ने पाया कि वह 45 वोट से जीती हुई है.

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लिहाजा उसने एसडीएम न्यायालय में पुनर्मतगणना के लिए अपील की थी. एसडीएम न्यायालय के आदेश के बाद पुनर्गणना हुई. जिसमें भारती रावत के खाते में 168 वोट जोड़े गए. इसके बाद भारती को कुल 551 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी को 506 वोट मिले. पुनर्मतगणना के बाद भारती 45 वोट से चुनाव जीत गई है. अब कोर्ट के आदेश पर भारती को प्रमाणपत्र मिलेगा. भारती ने कहा कि उसने हक की लड़ाई लड़ी और कानून ने उसे हक दिलाया. अब वो गांव की सरपंच बनकर विकास करेगी.

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गौरतलब है कि भितरवार में करीब 12 पंचायतों में मतगणना में गड़बड़ी हुई थी. सरपंच का चुनाव जीतने के बाद राघवेंद्र सिंह ने बताया कि भितरवार में कुल 12 पंचायतों के उम्मीदवारों ने SDM कोर्ट में अपील की है. उनमें भी पुनर्मतगणना होगी. जिसके बाद गड़बड़ी की वजह से हारे अन्य उम्मीदवारों को भी उनका हक मिलेगा.

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