कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने इस बार का विधानसभा चुनाव न लड़ने की मंशा संगठन के सामने रखी है। वहीं केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उतार कर अपनी पार्टी के राजनीतिकी समीकरणों को मजबूती दी है, लेकिन इन दोनों घटनाक्रमों के बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने की चर्चाओं ने सियासतदानों को एक अलग ही मुद्दा दे दिया है, जिसके चलते यही सवाल उठ रहे है कि सिंधिया यानी भतीजे के मैदान में उतरने की हवाओं को देख बुआ यशोधरा राजे नहीं उतर रही है। शायद कोई सीक्रेट प्लान है, जिसके तहत यशोधरा 2024 लोकसभा चुनाव में उतर सकती है, वहीं सिंधिया शिवपुरी या ग्वालियर पूर्व से विस चुनाव लड़ सकते है।

बीजेपी की दूसरी सूची में 39 उमीदवारों की घोषणा के साथ ही अब राजनीतिक गलियारे में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी विधानसभा चुनाव लड़ाएं जाने की अटकलें शुरू हो गई हैं। इन अटकलों को लेकर सांसद विवेक शेजवलकर का कहना है कि पार्टी के हर आदेश के लिए सभी तैयार है। यदि उन्हें लगता है चुनाव मैदान में उतरना है तो पार्टी के निर्देश पर सभी वही काम करेंगे।

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इस मामले पर बीजेपी मध्य प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि टिकट का चयन चुनाव समिति करती है कोई व्यक्ति नहीं करता है। वहीं इन चर्चाओं पर कांग्रेस ने चुटकी ली है। विधायक सतीश सिकरवार का कहना है कि उन्हें सिंधिया के चुनाव लड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, जनता का वोट कांग्रेस के लिए है।

एक नजर उन खास बातों पर जो सिंधिया को विधानसभा सीट पर भी मजबूती देती है…

  • ग्वालियर चंबल अंचल पर सिंधिया की मजबूत पकड़।
  • गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से लंबे वक्त तक सांसद रहना।
  • ग्वालियर में राजशाही के वक्त से लोकतंत्र तक परिवार की बड़ी पृष्ठभूमि होना।
  • सिंधिया ग्वालियर के महाराज के रूप में जाने जाते हैं।
  • शिवपुरी और ग्वालियर क्षेत्र में बीजेपी में शामिल होने के बाद करोड़ों के विकास कार्यों की सौगात दी है।
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर और शिवपुरी में सक्रिय रहते हैं।
  • शिवपुरी विधानसभा सीट से वर्तमान में उनकी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया विधायक है, जिससे राजनीतिक फायदा होगा।
  • ग्वालियर में भी भाजपा संगठन के मजबूत होने के साथ ही उनके समर्थकों की तैनाती भी उन्हें मजबूत बनाती है।

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भाजपा का फोकस ग्वालियर-चंबल अंचल की सीटों पर सबसे ज्यादा है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां 34 में से 26 सीटों पर जीत मिली थी। जिसके दम पर कांग्रेस पंद्रह साल बाद सत्ता में वापिस आई थी। ऐसे में इस बार बीजेपी कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। इसलिए बड़े चेहरों को मैदान में उतारा है। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी चर्चाओं में है। ऐसे में देखना होगा कि MP 2023 के साथ ही 2024 को लेकर क्या कोई सीक्रेट प्लान तैयार हो रहा है। जिसके चलते ही भतीजे के विधानसभा चुनाव में उतरने की अटकलों के साथ बुआ ने चुनाव से दूरी बनाकर 2024 की प्लानिंग शुरू कर दी है।

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