कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में स्मैक तस्कर अनीस खान ने पुलिस की पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. उसने तीन पुलिसकर्मियों के सहयोग से स्मैक बेचने का खुलासा किया है. जिसके बाद एसपी अमित सांघी ने सीएसपी को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं. तस्कर ने खुलासा किया है कि पुलिसकर्मियों ने स्मैक लाने और खपाने में उसकी मदद करते हैं. इन आरोपों के बाद तीनों पुलिसकर्मियों 2 ASI और 1 हेड कॉन्स्टेबल को लाइन अटैच कर दिया गया है.
शहर की क्राइम ब्रांच और इंदरगंज पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 1 फरवरी को स्मैक तस्कर अनीस खान को पकड़ा था. पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि इंदरगंज थाने के 2 सहायक पुलिस निरीक्षक और एक हेड कांस्टेबल से उसकी अच्छी खासी पहचान थी. यह लोग उसे स्मैक को लाने और खपाने में मदद करते थे. इनके नाम उसने एएसआई प्रताप भदौरिया, एएसआई सुघर सिंह और हेड कांस्टेबल कल्याण सिंह बताए हैं.
इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने नगर पुलिस अधीक्षक से जांच कर प्रतिवेदन मांगा था. जांच में स्मैक तस्कर अनीस खान से इन पुलिसकर्मियों की अंतरंगता साबित हुई है. पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने मामले की गंभीरता देखते हुए तीनों पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया है.
गौरतलब है कि यूपी के मैनपुरी और इटावा से अनीस खान स्मैक की खेप लेकर यहां आता था. उससे 1 फरवरी को मोटे महादेव मंदिर के पास 370 ग्राम स्मैक बरामद की गई थी. जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 40 लाख रुपए बताई गई. ।अनीस खान के बारे में पुलिस की क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि मोटे महादेव मंदिर के पास अनीस खान स्मैक लेकर पहुंचने वाला है. जहां वह अपने ड्रग पेडलर के जरिए इसे ग्राहकों तक पहुंचाएगा.
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इस सूचना पर क्राइम ब्रांच और इंदरगंज पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई की और उसे दबोच लिया. अनीस खान लंबे अरसे से स्मैक के अवैध धंधे से जुड़ा हुआ है. 2021 में भी अनीस खान को मुरैना के सराय छोला थाना क्षेत्र में 300 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया था. लेकिन सांठगांठ के चलते वह कुछ दिनों बाद ही जेल से छूट गया था.
हैरानी की बात यह है कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी स्मैक के कारोबार पर नकेल कसने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं. इसके चलते पिछले साल करीब डेढ़ करोड़ की स्मैक बरामद की गई थी और आधा सैकड़ा से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था. फिर भी यह धंधा शहर में फल फूल रहा है. इसके पीछे जिम्मेदार लोगों से तस्करों की सांठगांठ को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. जैसा कि अनीस खान के प्रकरण में देखने को मिला है.
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