जयपुर. अलवर में राम मंदिर में गंगाजल छिड़कने को लेकर विवादों में आए बीजेपी के निलंबित नेता और पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा पर पार्टी जल्द ही सख्त कार्रवाई कर सकती है. इस संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने शनिवार को संकेत दिए हैं कि अनुशासन समिति को जवाब सौंपा जा चुका है और उचित प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया जाएगा.

प्रदेश भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान राठौड़ ने कहा, “पार्टी में किसी भी प्रकार का भेदभाव या अस्पृश्यता स्वीकार्य नहीं है. जाति, धर्म या लिंग के आधार पर भेदभाव करने वाला कोई भी व्यक्ति भाजपा की मूल भावना से मेल नहीं खाता.”

उन्होंने आगे कहा, “अनुशासनहीनता के मामलों में पार्टी तुरंत संज्ञान लेती है. संबंधित व्यक्ति से जवाब मांगा गया था, जो अब अनुशासन समिति को सौंपा जा चुका है. प्रक्रिया के तहत जांच पूरी होने के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा.”

क्या है पूरा मामला?

रामनवमी के दिन 6 अप्रैल को अलवर की एक सोसाइटी स्थित श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी भाग लिया था. जूली के मंदिर में प्रवेश पर आपत्ति जताते हुए पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने अगले दिन मंदिर परिसर में गंगाजल छिड़क कर “शुद्धिकरण” किया था.

ज्ञानदेव आहूजा का कहना था कि जिन लोगों ने कभी भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारा, उन्हें मंदिर में बुलाया गया. उन्होंने मंदिर के अपवित्र होने की बात कही थी, जिस पर भाजपा ने नाराज़गी जताई थी.

इसके बाद पार्टी ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया और अनुशासन समिति को जवाब सौंपने का निर्देश दिया.

अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या पार्टी उन्हें निष्कासन जैसा कठोर दंड देगी या फिर कोई अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.