प्रयागराज. वाराणसी स्थित ज्ञानवापी में सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस प्रीतिकर दिवाकर ने फिर सुनवाई शुरू कर दी है. याची अधिवक्ता ने एक एस आई के हलफनामे का जवाब दाखिल किया.

सीजे ने पूछा एएसआई की लीगल आइडेंटिटी क्या है? एएसआई अधिकारी ने बताया कि 1871में ए एस आई गठित हुआ मानुमेंट संरक्षण के लिए. यह पुरातत्व अवशेष का मानीटर करती है. वर्ष में 1951 यूनेस्को ने संस्तुति की एएसआई को पुरातात्विक अवशेषों के बायोलॉजिकल संरक्षण करने की.

इसे भी पढ़ें ‘देश के सभी मंदिरों का भी हो सर्वे, बद्रीनाथ धाम था बौद्ध मठ’, ज्ञानवापी केस पर स्वामी प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान

एएसआई अधिकारी ने कहा हम डगिंग नहीं करने जा रहे. कोर्ट में आज 3.16 बजे यह सुनवाई नियत समय से थोड़ा पहले शुरू हो गई. चीफ जस्टिस ने बेंच सेक्रेटरी से कहा था कि कि पक्षकार आ जाएं तो इनफॉर्म कर दीजिए. पक्षकार कोर्ट रूम में पहुंचे तो सुनवाई शुरू कर दी गई.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक