लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि सपा द्वारा बौद्ध मठ को तोड़कर बद्रीनाथ मंदिर बनाने संबंधी बयान के बाद अब भाजपा का ज्ञानवापी प्रकरण पर बयान आया है. कोर्ट में लंबित ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर विवाद को बढ़ाने वाला यह बयान कहीं इन दोनों पार्टियों की सोची-समझी राजनीतिक साजिश का परिणाम तो नहीं.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यह गंभीर व चिंतनीय है. जबकि ज्ञानवापी मामले में एएसआई से सर्वे कराने के विवाद को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट में अभी लंबित है. ऐसे में इस विवाद के संबंध में कोई भी टीका टिप्पणी करना अनावश्यक ही नहीं बल्कि अनुचित है. कोर्ट के फैसले का सम्मान एवं इंतजार करना जरूरी है.
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बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा था कि अगर ज्ञानवापी को हम मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा. भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वो देखे न. त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे हैं न. ज्योर्तिलिंग हैं… देव प्रतिमाएं हैं. पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं.
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