रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार 21 जुलाई को “करबला के महान शहीद, सत्य के रक्षक, अहिंसा के प्रतीक हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफादार साथी शहीदों की याद” में हैदरी ब्लड ग्रुप ने भव्य रक्तदान शिविर का आयोजन किया. यह ब्लड कैम्प रायपुर के मोमिन पारा स्थित हैदरी इमामबाड़ा में सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक चला.

बता दें कि पूरे देश मे मोहर्रम यानी इमाम हुसैन की दर्दनाक शहादत की याद में रक्तदान किया जाता है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी यह आयोजन किया गया. कल कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन और उनके साथियों का बड़ी बेरहमी से खून बहाया गया था, यहां तक कि छह माह के बच्चे के गले को भी लहूलुहान कर दिया गया था. उन्हीं महान बलिदानियों को, जिनका संदेश था ‘जियो और जीने दो’ श्रद्धांजलि देने के लिए इस शिविर का आयोजन किया गया. जो कि आशा से अधिक सफल रहा. इस शिविर की सफलता में बिलासा ब्लड सेंटर का भरपूर सहयोग मिला, जिसकी समाज के लोगों ने जमकर तारीफ की.

मानवता प्रेमियों ने धर्म और जाति से ऊपर उठकर किया रक्तदान

इमाम हुसैन ने महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए समानता के अधिकार और कर्तव्यों की बात की थी. उसी से प्रेरित होकर इस हुसैनी रक्तदान शिविर में नक़ाबपोश महिलाओं का भी अभूतपूर्व उत्साह देखा गया. इमाम हुसैन इंसाफ और इंसानियत के भी तरफदार रहे, यहीं वजह है कि उनसे मोहब्बत करने वाले, उनके मानने वाले, करबला की याद मनाने वाले अन्य धर्मों के लोगों ने भी बढ़ चढ़कर रक्तदान किया और करबला के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस भव्य रक्तदान शिविर में कुल 155 लोगों ने रक्तदान किया.

ब्लड कैंप के आयोजकों ने कहा कि देश और दुनिया में हर साल लाखों मरीजों की मौत सिर्फ इसलिए हो जाती है, क्योंकि उन्हें वक्त पर उनके ग्रुप का खून नहीं मिल पाता है. मुस्लिम नौजवानों का ये अमल देश में हजारों लोगों की जान बचाने के काम आ सकता है. इमाम हुसैन के लिए यही सच्ची श्रद्धांजलि है. आयोजनकर्ता हैदरी ब्लड ग्रुप ने भविष्य में भी इस तरह के जनहितकारी आयोजनों का प्रण लिया और शिविर में आये समाज के गणमान्य नागरिकों और सभी के जन सहयोग के लिए उनका धन्यवाद किया है.

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