लखनऊ. हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर यूपी की योगी सरकार ने संज्ञान लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. आशंका है कि कूटरचित दस्तावेजों का सहारा लेकर हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर इकट्ठा हो रही अवैध कमाई से आतंकवादी संगठनों व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को फंडिंग की जा रही है.

बता दें कि हलाल सर्टिफिकेशन का मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आ गया है और इसमें बड़ी कार्रवाई हो सकती है. उत्तर प्रदेश सरकार हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर कड़े नियम बनाने जा रही है. वहीं, हलाल सर्टिफिकेशन देकर सामान बेचने वाली अज्ञात कंपनियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 b/ 153A/ 298/ 384 /420 /467/ 468 /471/ 505 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है. 

बता दें कि कुछ कंपनियों ने हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर धंधा चला रखा था. ऐसी कंपनियां डेयरी, कपड़ा, चीनी, नमकीन, मसाले, और साबुन इत्यादि जैसे उत्पादों को भी हलाल सर्टिफाइड करके बेच रही थीं. अब यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आ गया है और इसमें बड़ी कार्रवाई हो सकती है. उत्तर प्रदेश सरकार हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर कड़े नियम बनाने जा रही है.

बता दें कि इस्लामी धर्म-शास्त्र में जिन चीजों को हराम बताया गया है उसे करने की मनाही होती है, वहीं जिन बातों को हलाल बताया गया है उन्हें करने की इजाजत होती है. इस्लामी मान्यताओं के अनुसार हलाल खाने-पीने की चीजों की निर्माण प्रक्रिया और जानवरों के वध पर लागू होता है. हलाल सर्टिफाइड का मतलब है कि किसी अमुक उत्पाद को इस्लामी मान्यताओं के अनुरूप तैयार किया गया है.

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