हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसके बेटे मोईद मलिक को भी गिरफ्तार किया है. हल्द्वानी पुलिस की कई टीमें और एसओजी 8 फरवरी से फरार चल रहे मोईद को पकड़ने के लिए दबिश दे रही थी.

एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि बनभूलपुरा हिंसा से जुड़े उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए छह पुलिस टीमें गठित की गई, जो देश के अलग-अलग राज्यों- गुजरात, दिल्ली, मुंबई-महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि सभी संभावित स्थानों पर लगातार दबिश दे रही है. उक्त गठित टीमों में से एक टीम को बड़ी सफलता हासिल हुई है. टीम ने दंगे में वांछित अभियुक्त अब्दुल मोईद को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है.

मोईद 21 दिन बाद हुआ गिरफ्तार

हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र में आठ फरवरी को हुई हिंसा के मामले में पुलिस आठ वांछित आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. लेकिन 21 दिन बाद पुलिस अब्दुल मोईद तक पहुंच पाई है. हल्द्वानी हिंसा के 9वें वांछित अब्दुल मोईद को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने अंधेरे में तीर चलाती रही.

सूत्रों के मुताबिक मोईद की तलाश में टीमें अब तक दिल्ली से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई शहरों में 50 से ज्यादा जगहों पर दबिश दे चुकी थी. 

ये था मामला

आठ फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में मलिक के बगीचे में अवैध मदरसा और धर्मस्थल ढहाने गई पुलिस और प्रशासन की टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया था. पथराव में सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, रामनगर कोतवाल समेत 300 से अधिक पुलिसकर्मी और निगमकर्मी घायल हो गए. उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना भी फूंक दिया. पुलिस की जीप, जेसीबी, दमकल की गाड़ी दोपहिया समेत 70 से अधिक वाहन फूंक दिए गए. आंसू गैस के गोले दागने और लाठी चार्ज के बाद भी जब हालात काबू में नहीं आए, तो सबसे पहले अधिकारी जान बचाने के लिए मौके से भागे. पुलिस व निगम टीम जैसे-तैसे वहां से निकली. प्रशासन ने उपद्रवियों को देखते ही पैर में गोली मारने के आदेश दिए हैं. पिता-पुत्र समेत छह लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी.

 हल्द्वानी हिंसा में करोड़ों की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है. हिंसा के बाद से पुलिस लगातार उपद्रवियों की धरपकड़ के लिए कार्रवाई कर रही है. हिंसा के बाद से अब्दुल मोईद फरार चल रहा था, जिसके बाद अब अब्दुल मोईद को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है.