नई दिल्ली/जमशेदपुर (झारखंड)। टाटा स्टील ने एक निश्चित अवधि तक कंपनी में सेवा दे चुके कर्मियों के लिए अर्ली सेपरेशन और जॉब फॉर जॉब स्कीम की घोषणा की है. इन दोनों स्कीम के लिए कंपनी के कर्मचारी आगामी 1 जून से 30 जून तक आवेदन कर सकते हैं. इन दोनों स्कीम को मिलाकर कंपनी ने इसका नाम ‘सुनहरे भविष्य की योजना’ दिया है. इसके लिए टाटा स्टील की वाइस प्रेसिडेंट (एचआरएम) अत्रैयी सान्याल के आदेश से सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है. जॉब फॉर जॉब स्कीम के तहत कर्मचारी अपने बेटे, बेटी, दामाद या किसी अन्य को आश्रित नामित कर अपनी नौकरी हस्तांतरित कर सकेंगे.

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रिटायरमेंट के लिए कम से कम साढ़े 5 साल बचा होना जरूरी

इस स्कीम में वैसे कर्मचारी आएंगे, जिनकी सेवानिवृत्ति की उम्र कम से कम साढ़े 5 साल बाकी है. आश्रितों को इसके लिए एक परीक्षा पास करनी होगी. परीक्षा में 3 बार शामिल होने का मौका दिया जाएगा. इसके बाद प्रशिक्षु के तौर पर उनकी सेवा शुरू होगी. इस दौरान उन्हें स्पाइडेंड दिया जाएगा. प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उनकी सेवा स्थायी की जाएगी. परीक्षा में असफल आश्रित को नौकरी से वंचित होना पड़ सकता है. नौकरी ट्रांसफर करने वाले कर्मचारी को प्रतिमाह 13 हजार रुपए दिए जाएंगे.

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अर्ली सेपरेशन स्कीम में 40 साल से ज्यादा के कर्मचारी कर सकते हैं आवेदन

ईएसएस (अर्ली सेपरेशन स्कीम) के लिए वैसे कर्मचारी आवेदन कर सकते हैं, जिनकी आयु या तो 40 साल से ज्यादा है या जो कंपनी में दस साल काम कर चुके हैं. इस योजना के तहत कर्मचारी को रिटायरमेंट तक मौजूदा बेसिक सैलरी और डीए का लाभ मिलेगा. बेसिक और डीए में रिटायरमेंट तक हर साल एक हजार रूपए की बढ़ोतरी होती जाएगी. स्कीम लेने वाले कर्मचारी को आवास की सुविधा नहीं मिलेगी. अगर कर्मचारी कंपनी के आवास में रहना चाहते हैं तो उन्हें रेंट देना होगा और वे 58 उम्र तक रह सकते हैं. इन स्कीमों के लिए कर्मियों के चयन का अधिकार प्रबंधन के पास होगा.

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