Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान भक्तों के लिए इस साल 12 अप्रैल एक विशेष दिन है, जब उत्तर भारत में हनुमान जयंती बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी. यह पर्व भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में हनुमान जयंती एक नहीं, बल्कि कई तिथियों पर मनाई जाती है?
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हनुमान जन्मोत्सव माना जाता है. वहीं दूसरी मान्यता के अनुसार, चैत्र माह की पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा शनिवार, 12 अप्रैल को पड़ रही है, जिस दिन उत्तर भारत में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा.
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उत्तर भारत में हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा को मनाई जाती है. दूसरी ओर, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों में इसे मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों — जैसे तमिलनाडु और केरल — में यह पर्व दिसंबर-जनवरी के बीच मनाया जाता है.
तारीखें भले ही अलग हों, लेकिन श्रद्धा और भावना एक जैसी होती है — हनुमान जी के प्रति अटूट भक्ति, शक्ति और सेवा भाव से उनके चरणों में नमन.
अलग-अलग तिथियों के पीछे का कारण (Hanuman Janmotsav 2025)
इस भिन्नता के पीछे मुख्य कारण हैं क्षेत्रीय परंपराएं और पंचांगों की विविधता. हर क्षेत्र अपनी मान्यताओं और ग्रंथों के अनुसार हनुमान जी के जन्म की तिथि तय करता है. उदाहरण के लिए, उत्तर भारत में ‘वाल्मीकि रामायण’ के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को ही हनुमान जन्म दिवस माना जाता है, जबकि दक्षिण भारत में अन्य पुराणों और शास्त्रों के आधार पर भिन्न तिथि मानी जाती है.
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