रायपुर. छत्तीसगढ़ के संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार ने 2600 से अधिक बीएड अर्हताधारी बर्खास्त सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन कर उनके जीवन में खुशियां लौटाई है। ऐसे मानवीय और ऐतिहासिक निर्णय इससे पहले किसी सरकार ने नहीं लिया था।
बीएड सहायक शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करते हुए उन्हें लैब टेक्नीशियन के रूप में समायोजित करने के राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक निर्णय पर शिक्षकों ने 1 मई को मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर बर्खास्त सहायक शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को गजमाला पहनाकर उनके प्रति कृतज्ञता जताई थी और उनका आभार व्यक्त किया था। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं दी और उनसे अपने दायित्व का निर्वहन पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ करने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि “बच्चों और देश का भविष्य गढ़ना शिक्षकों का सबसे बड़ा कर्तव्य है। आप सभी अपने दायित्व के प्रति सचेत हों और इस भूमिका में सर्वोच्च योगदान दें।

सीएम साय ने कहा, सरकार ने शिक्षकों की चिंता पहले दिन से की थी। आप हमारे प्रदेश के बच्चे हैं और आपके भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प हमने पहले से ले लिया था। यह कदम छत्तीसगढ़ के भविष्य निर्माताओं को नया संबल देगा और शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाएगा। युवा शिक्षक आने वाले वर्षों में प्रदेश की नई पीढ़ी को दिशा देंगे और छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर अग्रसर करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह निर्णय शिक्षकों के उज्जवल, सुरक्षित और सम्मानजनक भविष्य की एक नई शुरुआत है।”इस आत्मीय मुलाकात के बाद सीएम साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि “शिक्षकों के चेहरे पर मुस्कान देखकर आत्मिक संतोष की प्राप्ति हुई है। समायोजन के निर्णय से सभी प्रसन्न हैं। युवा शिक्षकों से आत्मीय संवाद हुआ और उनसे आग्रह किया गया कि, वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें। सरकार के इस फैसले को शिक्षा जगत में सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो न केवल शिक्षकों को सम्मान और स्थायित्व देगा, बल्कि राज्य के शिक्षा स्तर को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा।”

कैसे हुई बर्ख़ास्तगी और फिर बहाली
2018 में छत्तीसगढ़ सरकार ने बीएड अर्हताधारी 2621 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि प्राथमिक स्तर पर शिक्षण के लिए डीएलएड (D.El.Ed) डिग्री अनिवार्य है, जिससे बीएड धारकों की नियुक्ति अवैध मानी गई। इसके परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी, जिससे उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। 2023 की सीधी भर्ती में सेवा समाप्त होने के बाद इन शिक्षकों ने नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर 126 दिनों तक शांतिपूर्ण आंदोलन किया। उन्होंने विभिन्न तरीकों से अपनी मांगों को सरकार तक पहुँचाया, जैसे कि खून से पत्र लिखना, सामूहिक मुंडन, जल सत्याग्रह, और दंडवत यात्रा। उनकी प्रमुख मांग थी कि उन्हें पुनःसमायोजित किया जाए और उनकी सेवाओं को सुरक्षित किया जाए, इसके बाद अपने भविष्य को लेकर गहरी आशंका और मानसिक पीड़ा झेल रहे 2621 बी.एड. डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों ने राहत की गहरी साँस ली है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शिक्षकों की समस्याओं को गंभीरता से लिया और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया। इस समिति ने सिफारिश की कि बर्खास्त बीएड शिक्षकों को “सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला)” के पद पर समायोजित किया जाए। कैबिनेट ने इस सिफारिश को स्वीकार करते हुए समायोजन को मंजूरी दी। कैबिनेट में अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा पर बीएड अर्हताधारी 2621 सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के राज्य में रिक्त गैर विज्ञापित 4,422 पदों में समायोजित करने का फैसला लिया गया।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल युवा शिक्षकों का मानना है कि मुख्यमंत्री साय की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता ने उन्हें संबल दिया है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने वास्तव में सुशासन और संवेदनशीलता का परिचय दिया है। हमें गर्व है कि आज हमारे प्रदेश में ऐसी सरकार है जो हमारी पीड़ा को समझती है और संवेदनशीलता के साथ हमारी समस्याओं का समाधान करती है। मुख्यमंत्री ने हर बार उनकी बात सुनी और भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री के उन वादों को याद किया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि “हमारे बेटे-बेटियों का भविष्य सुरक्षित किया जाएगा और आज उन्होंने अपना वादा निभाकर एक अभिभावक की जिम्मेदारी पूरी की है।”

साय सरकार का अतिरिक्त उपहार
कैबिनेट में मानवीयता को आधार बना कर यह भी निर्णय लिया गया कि कला और विज्ञान संकाय से 12 वीं उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को निर्धारित अर्हता (12वीं गणित/विज्ञान) पूर्ण करने के लिए 3 वर्ष की अनुमति दी जाएगी। साथ ही इन अभ्यर्थियों को प्रयोगशाला कार्य के संबंध में एससीईआरटी के माध्यम से दो माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग के शेष 355 अभ्यर्थियों के लिए सांख्येत्तर पदों का सृजन किया जाएगा। कैबिनेट ने यह भी फैसला लिया है कि समायोजन के लिए जिलों की प्राथमिकता में पहले राज्य के अनुसूचित क्षेत्र के जिलों के रिक्त पदों में की जाएगी। इसके बाद सीमावर्ती जिलों के रिक्त पदों पर तत्पश्चात अन्य जिलों में समायोजन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की बर्खास्तगी और पुनःसमायोजन राज्य सरकार, न्यायपालिका और शिक्षकों के बीच का शानदार संतुलन एक ऐसी संवेदनशील सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दा बनी, जो राज्य की साय सरकार के निर्णय क्षमता पर मुहर लगाती है।
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