हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर के विजयनगर क्षेत्र में हैप्पी अली का मामला अब सिर्फ दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन तक सीमित नहीं है। इस केस के अंदर से नशे का गंदा नेटवर्क, बड़े ड्रग सप्लायर्स का कनेक्शन और करणी सेना से जुड़े पदाधिकारी की संदिग्ध भूमिका जैसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, करणी सेना से जुड़े कुछ लोगों ने पीड़िता पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, ताकि हैप्पी अली से जुड़े कुछ बड़े नाम सामने ना आ सके।

हैप्पी अली का काला खेल-MD ड्रग, लड़कियों को नशा और फिर शोषण

सूत्र बताते हैं कि हैप्पी अली अपने पब में MD ड्रग चलाता था। नशा देने के बाद लड़कियों को फंसाया जाता था और फिर शारीरिक शोषण किया जाता था। MD की सप्लाई गुजरात से आती थी और इस सप्लाई चेन में सबसे बड़ा नाम- जावेद मेनन, जिसे इंदौर का बड़ा MD सप्लायर बताया जाता है।

जावेद मेनन का नाम गायब क्यों ?

सूत्रों का दावा है कि जावेद मेनन का नाम एफआईआर में ना आए इसलिए लाखों रुपए के लेनदेन हुए और इस “सेटिंग” में करणी सेना के एक पदाधिकारी पर उंगली उठ रही है,।जिनकी भूमिका अब सवालों के घेरे में है। सूत्रों ने तो यह भी बताया कि पीड़िता को मनाने और दबाव डालने की कोशिश की गई कि वह बड़े सप्लायर का नाम न ले।

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लल्लूराम डॉट कॉम (Lalluram.com) ने जब करणी सेना के पदाधिकारी से बात कि तो उन्होंने सबसे पहले यही कहा कि “ये खबर मत चलाना…” उनका यह बयान ही पूरे सेटिंग के खेल पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। हैप्पी अली तो पकड़ा गया, लेकिन असली सप्लायर जावेद मेनन बच निकला। सूत्रों के मुताबिक, लाखों की सेटिंग और मजबूत नेटवर्क ने उसे FIR तक पहुंचने ही नहीं दिया। शासन-प्रशासन नशे के खिलाफ अभियान की बात करते हैं, लेकिन इस केस में सबसे बड़ा नाम ही गायब है। MD ड्रग की सप्लाई चेन अभी भी जस की तस है और सूत्रों की मानें तो इस केस को मोड़ने की कोशिश भी बाहर से की गई।

पुलिस कर सकती है ड्रग्स एंगल पर जांच

हालांकि इस पूरे मामले में विजयनगर पुलिस बारीक से जांच करने में जुटी हुई है और पीड़िता के बयानों के आधार पर कार्रवाई भी कर रही है। अब इसमें नया एंगल निकलकर आया है उसे नए एंगल पर भी पुलिस जांच करने की बात कह रही है और अब जांच के बाद नए तथ्य सामने आने के बाद हो सकता है। लाखों की डील का खुलासा भी हो सकता है और जावेद में सलाखों के पीछे भी जल्द नजर आ सकता है। हालांकि देखना होगा कि पुलिस कब इस पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए नजर आती है।

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सवाल ?

क्या इंदौर में ड्रग रैकेट को संरक्षण मिल रहा है ? करणी सेवा के पदाधिकारी ने खुद अपनी प्रोफाइल पर पोस्ट की ओर लिखा है कि हैप्पी अली ड्रग का नशा करवाता है और उनके साथ फिर गलत काम करता है। इस पूरे मामले में पीड़िता ने क्यों अपने बयानों में ड्रग्स का जिक्र नहीं किया और क्यों सप्लायर जावेद मेनन को पूरे मामले से दूर रखा गया ? क्या करणी सेना के अंदर ही सौदेबाजी का खेल चल रहा है ? क्या पीड़िता पर दबाव बनाकर पूरे केस को मोड़ने की कोशिश की गई ? हैप्पी अली केस अब सिर्फ अपराध का मामला नहीं यह इंदौर में ड्रग माफिया के साथ संगठनात्मक सेटिंग, लाखों की डील का सबसे बड़ा खुलासा बन चुका है। अब देखना यह है कि क्या जावेद मेनन तक कभी पहुंच बनेगी या “लाखों की सेटिंग” की धूल में सबसे बड़ा नाम फिर दब जाएगा?

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