Happy Brothers Day: हर साल दुनियाभर में लोग धूमधाम से ब्रदर्स डे सेलिब्रेट करते हैं. 24 मई को ब्रदर्स डे मनाया जा रहा है. हम आज सगे भाइयों की ऐसी सच्ची कहानी बता रहे हैं जो जीये भी साथ-साथ और 75 साल बाद दुनिया को अलविदा भी एक साथ किया.

भाइयों का रिश्ता बड़ा अनोखा होता है. भाई एक दूसरे से लड़ते भी हैं और एक दूसरे की ताकत भी होते हैं. आपने भाई भाई के प्रेम की बहुत सी मिसालें देखी होंगी, लेकिन आज हम आपके सामने भाईचारे की एक अनोखी मिसाल पेश करने जा रहे हैं. ये कहानी है उन दो भाइयों की जिन्होंने एक साथ जीवन बिताया और एक ही साथ इस दुनिया को अलविदा कह दिया.

राजस्थान के सिरोही जिले के नागानी गांव में दो भाई रहते थे. एक का नाम था रावताराम तो दूसरे का हीराराम देवासी. इन दोनों भाइयों के बीच जैसा प्यार रहा उसकी मिसाल दूर दूर के इलाकों में दी जाती थी. दोनों भाई बचपन से एक साथ रहे और अजब संयोग देखिए कि दोनों भाइयों की मौत भी एक साथ ही हुई. इन दोनों ने मात्र तीन से चार मिनट के अंतराल में अपने प्राण त्याग दिए.

हर काम किया साथ-साथ, दोनों की शादियां भी हुईं थी एक ही दिन

ये दोनों भाई बचपन से हर काम में एक साथ रहे. इन्होंने एक साथ 2-3 कक्षा तक पढ़ाई की. एक साथ अपना जीवन बिताया. और तो और इन दोनों की शादियां भी एक दिन ही हुईं. गांव-समाज के लोग भी इन दोनों भाइयों की खूब कद्र करते थे. जब भी कहीं किसी घर में कोई विवाद होता तो उसे सुलझाने के लिए इन दोनों भाइयों को ही बुलाया जाता था. बता दें कि रावताराम हीराराम से एक दो साल बड़े थे. उनकी उम्र करीब 75 साल की थी.

गांव वाले देते हैं भाईचारे की मिसाल

गांव में इन दोनों के भाईचारे और प्यार को पहले ही बहुत माना जाता था लेकिन अब तो इन दोनों भाइयों की मिसालें दी जाने लगी हैं. 2022 में रावताराम और हीरालाल ने एक साथ दुनिया को अलविदा कहा है. एक साथ जीवन बिताने के बाद ये दोनों भाई जिस तरह से एक साथ ये दुनिया छोड़ गए उसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. दोनों भाइयों के जाने के बाद परिवार और गांव वालों ने भी इन्हें अलग नहीं किया तथा दोनों का अंतिम संस्कार भी एक ही जगह और एक ही साथ किया गया.

3 से 4 मिनट के अंतराल में दोनों भाई दुनिया को छोड़ गए

परिवार वालों का कहना है कि कुछ दिन पहले रावताराम और हीराराम दोनों भाई आसपास ही सो रहे थे. इसी दौरान रावताराम को लगा कि अब उनका समय पूरा हो चुका है. उन्होंने मौत का अहसास होते ही भाई हीराराम से कहा कि इस दुनिया में उनका काम पूरा हो चुका है. अब वह इस दुनिया को अलविदा कहने जा रहे हैं. ये कहने के कुछ पलों बाद रावताराम इस दुनिया को अलविदा कह गए. भाई को मौत के करीब जाते देख भाई हीराराम ने तुरंत ही कहा भाई मैं भी आता हूं. ये कहते ही 3-4 मिनट के भीतर ही हीराराम भी इस दुनिया से चल बसे.

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