नई दिल्ली। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की सिख समुदाय पर की गई टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्पष्ट रूप से कहा कि सिख समुदाय ने मौजूदा भाजपा नीत सरकार के तहत जितना सुरक्षित और सम्मानित महसूस किया है, उतना पहले कभी नहीं किया. गांधी पर निशाना साधते हुए पुरी ने उन्हें भारत में अपनी टिप्पणी दोहराने की चुनौती दी और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी.

फिलहाल, अमेरिका के दौरे पर गए राहुल गांधी ने कहा कि लड़ाई इस बात पर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी और क्या वह गुरुद्वारे में जा सकेगा.

उन्होंने कहा, “सबसे पहले, आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है. लड़ाई राजनीति के बारे में नहीं है. यह सतही है. आपका नाम क्या है? लड़ाई इस बारे में है कि क्या…सिख के तौर पर उन्हें भारत में पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी. या सिख के तौर पर उन्हें भारत में कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी. या सिख गुरुद्वारा जा सकेंगे. लड़ाई इसी बारे में है और सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है.”

पुरी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “अचानक उन्होंने (राहुल) कहा कि भारत में सिख समुदाय में एक खास तरह की चिंता है कि वे पगड़ी या कड़ा नहीं पहन सकते. मैं छह दशकों से पगड़ी और कड़ा पहन रहा हूं. इस सरकार ने सिख समुदाय के मुद्दों और चिंताओं को दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास किया है… अगर हमारे इतिहास में ऐसा कोई समय रहा है जब हमें असुरक्षा और अस्तित्व का खतरा महसूस हुआ है, तो वह समय था जब राहुल गांधी का परिवार सत्ता में था.”

राहुल गांधी की ‘असंवेदनशील’ टिप्पणियों की आलोचना करते हुए मंत्री ने कहा कि राहुल के साथ गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों को जोड़ना कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब जब वे संवैधानिक पद पर हैं, तो उन्हें विदेशी धरती पर अपने संबोधनों में अधिक सावधान और संतुलित रहना चाहिए. पुरी ने कहा कि भाजपा सरकार ने सिख समुदाय की चिंताओं को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किया है.

आज ही भाजपा नेता आरपी सिंह ने 1984 के सिख विरोधी दंगों का संदर्भ देते हुए गांधी पर नरसंहार में कांग्रेस की भूमिका को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. सिंह ने कहा, “दिल्ली में 3,000 सिखों का नरसंहार किया गया… वे यह नहीं कहते कि यह तब हुआ जब कांग्रेस सत्ता में थी.” उन्होंने गांधी को भारत में भी इसी तरह के बयान देने की चुनौती दी और उन्हें अदालत में घसीटने की धमकी दी.