रायपुर। हरदेव के घर चावल पहुंचा है, मनरेगा में काम मिला है. शासन की सभी योजनाओं का लाभ मिल रहा है. अब इस तरह कदम उठाया है तो दुखद है. उसे इस तरह का कदम नहीं उठाना था. जहां तक मुझसे मिलने की बात है तो उन्होंने न तो आवेदन दिया न ही किसी से सम्पर्क साधा है. जहां तक रमन सिंह का सवाल है वे अपना कार्यकाल को देख लें, फिर बात करें. यह बात सीएम भूपेश बघेल ने हरदेव सिन्हा के आत्मदाह के प्रयास पर दिए गए डॉ. रमन सिंह के बयान को लेकर कही.

राजधानी में बने ऑक्सीजोन का उद्घघाटन करने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा में हरदेव मामले में कहा कि भाजपा हमेशा गलतफहमी पैदा करती है, और अब भी कर रही है. जहां तक रमन सिंह की बात है, पार्टी नेतृत्व ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है. उन्हें बड़ी भूमिका दी गई है. 15 साल वे सीएम रहे, इसका लाभ पार्टी स्तर पर मिले, यह भाजपा चाहती है. लेकिन वो वहां से निकल ही नहीं रहे हैं. वो मुख्यमंत्री रहे हैं, तो उसका लाभ छत्तीसगढ़ के लोगों को मिलना चाहिए. वो आलोचना भी करते हैं तो उसे हम सुझाव की तरह लेते हैं. लेकिन इस प्रकार से कोई बात कर नही रहे हैं, और वे अनावश्यक गलत बातों को तूल दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हमने किसी भी विभाग का काम रोका नहीं. एक तरफ जब लॉकडाउन था, जब व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद थे, ऐसे समय में वन विभाग ने स्व-सहायता समूह के माध्यम से महुआ खरीदा, इमली खरीदी, तेंदूपत्ता संग्रहण किया है, जिससे यहां के जो बनवासी हैं, मूल निवासी हैं, उन्हें किसी प्रकार का नुकसान ना हो. हमारी यह कोशिश रही है, और इसमें सफलता मिली है. 90% वनोपज छत्तीसगढ़ से खरीदा गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा का काम भी हमने बंद नहीं किया. जब लॉकडाउन था, तब भी हमने मनरेगा का काम शुरू करने को कहा. मैंने सभी जिला पंचायत के अध्यक्ष, विधायकों, सरपंचों से बात करके इसे शुरू कराया. बहुत सारे लोग न्यायालय गए, रोक लगाने की मांग की. लेकिन हमें पता है जब मिट्टी खुदाई होती है तो फिजिकल और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता है. एक समय देश के सर्वाधिक मजदूर छत्तीसगढ़ के लगे थे, 100 दिन काम करने वाले मजदूरों में सर्वाधिक छत्तीसगढ़ के हैं.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में संकट काल में हम हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रहे. कोरोना मैं दूसरे वर्ग के लोगों को प्रभावित ना हो, उसका दुष्परिणाम ना भोगना पड़े, इसके लिए हर विभाग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. नगरीय विकास, स्कूल शिक्षा विभाग, महिला विभाग, खाद्य विभाग, पंचायत विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सब विभागों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पुलिस की भूमिका पहले जो ठीक थी.

वहीं झीरम मामले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 2013 का मामला है और 2020 होने जा रहा है. इतने दिनों में जिनके नाम एफआईआर में दर्ज थे उनका नाम बाहर कर दिया. रमन्ना, गणपति का नाम बाहर कर दिया. हमको तो जानना है कौन हैं, जिन्होंने हमारे नेताओं का नरसंहार किया.