दिल्ली. महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया दौरे से स्वदेश वापस बुलाए गए हार्दिक पांड्या अपने घर तो पहुंच गए हैं, लेकिन किसी से मिलजुल नहीं रहे. वे फोन पर भी बात नहीं कर रहे और उन्होंने मकर संक्रांति का त्योहार भी नहीं मनाया. हार्दिक के पिता ने बुधवार को कहा है कि हाल में हुए विवाद के बाद से यह ऑलराउंडर घर से बाहर नहीं निकल रहा है और न ही किसी का फोन उठा रहा है. हार्दिक को एक टीवी शो पर महिलाओं के खिलाफ दिए गए बयान के बाद बीसीसीआई ने प्रतिबंधित कर दिया था और ऑस्ट्रेलिया से वापस बुला लिया था.
हार्दिक ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है. उन्होंने मकर संक्रांति भी नहीं बनाई. हार्दिक का परिवार गुजरात के बड़ौदा से आता है और राज्य में यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. हार्दिक के पिता हिमांशु ने कहा, “यह त्योहार है. गुजरात में पब्लिक हॉलीडे रहता है लेकिन हार्दिक पतंग नहीं उड़ा रहा है. उसे पतंग उड़ाना पसंद है, लेकिन उसे क्रिकेट के व्यस्त कार्यक्रम के कारण घर पर रहने का मौका नहीं मिला था.” उन्होंने कहा, “इस बार वह घर पर है और उसके पास पतंग उड़ाने का मौका है, लेकिन अजीब स्थिति के कारण वह त्योहार मनाने के मूड़ में नहीं है.”
हार्दिक के साथ सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल भी शो में पहुंचे थे और उन पर भी प्रतिबंध है. प्रशासकों की समिति (सीओए) ने इन दोनों पर दो मैचों का प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी, लेकिन बीसीसीआई ने इनकी सजा के बारे में अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है.
हिमांशु ने कहा, “हार्दिक प्रतिबंध से काफी निराश है और टीवी पर उसने जो कहा उसका उसे पछतावा है. उसने ऐसा दोबारा न करने की कसम खाई है.” उन्होंने कहा, “हमने फैसला किया है कि हम इस मसले पर उससे बात नहीं करेंगे. उसके बड़े भाई क्रूणाल ने भी इस पर बात नहीं की है. हम बीसीसीआई के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.”