प्रदीप मालवीय,उज्जैन। उज्जैन में देव दीपावली कार्तिक माह की पूर्णिमा के ठीक एक दिन पहले बैकुंठ चतुर्दशी की अर्धरात्रि को अद्भुत नजारा देखने को मिला. यहां हर (शिव) अपनी सवारी के साथ द्वारिकाधीश गोपाल मंदिर पहुंचे और परंपरा अनुसार भगवान श्री हरि (विष्णु) को पृथ्वी का भार सौंपकर कैलाश पर्वत चले गए. यहां भगवान श्री कृष्ण और भगवान भोलेनाथ के इस मिलन को हरिहर मिलन के रूप में मनाया गया. हरिहर मिलन के दौरान भगवान कृष्ण को शिव की ओर से बिल्वपत्र की माला अर्पण की गई, तो वहीं भगवान भोलेनाथ को तुलसी की माला भेंट की गई.
दरअसल हरिहर मिलन के नाम पर उज्जैन में यह अद्भुत परंपरा हजारों वर्षो से चली आ रही है. यहां हरी से आशय श्री विष्णु से और हर से आशय महादेव भोलेनाथ से है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर पृथ्वी का समग्र भार बैकुंठ के वासी श्री हरि विष्णु को सौंप कर चार माह के लिए कैलाश पर्वत चले जाते है. इस परंपरा के बाद से ही समग्र मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं. इसके बाद देवशयनी ग्यारस पर दोबारा भगवान विष्णु निद्रा अवस्था में चले जाते हैं. भगवान भोलेनाथ श्रष्टि का कार्यभार संभालते है. मध्यरात्रि 1 बजे भगवान शिव और श्री हरि के मिलन का नजारा देखते ही बन रहा था.
हरिहर मिलन के इस अवसर पर रात 12 बजे महाकाल राजा पालकी में सवार होकर अपने शाही ठाठ-बाठ और लाव-लश्कर के साथ शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए द्वारिकाधीश गोपाल मंदिर पहुंचे. इस दौरान पूरे मार्ग पर भक्तों ने जोरदार आतिशबाजी की और भक्ति में झूमते गाते नजर आए. इस अदभुत नज़ारे को देखने के लिए देर रात तक भक्तों की भारी भीड़ जमा रही.
परंपरानुसार बैकुंठ चतुर्दशी के पावन अवसर पर सनातन धर्म में हरि (विष्णु) और हर (शिव) रूप हरिहर कहलाता है. हरिहर के इस रूप को “शिवकेशव” भी कहते है. विष्णुपुराण में विष्णु को ही शिव ही कहा गया है, तो वहीं शिवपुराण के अनुसार शिव के ही हज़ार नामों में से एक नाम विष्णु है. शिव-विष्णु की लीलाओं से मुग्ध रहते है और हनुमान के रूप में उनकी आराधना करते है. जबकि विष्णु परम शिव भक्त है और स्वयं विष्णु शिव को अपना भगवान कहते है. हालांकि दोनों के कार्य बंटे हुए है. शिव और विष्णु ने अपनी एकरूपता दर्शाने के लिए ही ‘हरिहर’ रूप धरा था. जिसमें शरीर का एक हिस्सा विष्णु यानी हरि और दूसरा हिस्सा शिव यानी हर का है.
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक