Sri Lanka New PM: श्रीलंका को आज हरिनी अमरसूर्या के रूप में नया प्रधानमंत्री मिल गया। हरिनी श्रीलंका की पीएम बनने वाली तीसरी महिला हैं। वे 2 महीने पहले अंतरिम सरकार में भी प्रधानमंत्री रही थीं। हरिनी ने अपनी पढ़ाई 1991 से 1994 तक दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से की है। उन्होंने 5 साल पहले राजनीति में एंट्री ली थी। बता दें, 14 नवंबर को श्रीलंका में संसदीय चुनाव हुए थे। इसमें राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के गठबंधन एनपीपी को जीत मिली। आज नई कैबिनेट का गठन हुआ। राष्ट्रपति ने कैबिनेट के सदस्यों को पद की शपथ दिलाई। कैबिनेट में राष्ट्रपति समेत 22 सदस्य हैं। इसमें 2 महिलाएं और 2 तमिल सांसद भी हैं। डिप्टी मिनिस्टर के नाम बाद में घोषित होंगे।

ओपन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थीं
श्रीलंकाई संविधान के मुताबिक कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 30 और उप मंत्रियों की संख्या 40 से ज्यादा नहीं रह सकती है। राष्ट्रपति दिसानायके ने सरकार की लागत को कम करने को छोटा कैबिनेट रखा है। बहरहाल, अमरसूर्या से पहले सिरिमाओ भंडारनायके (3 बार) और चंद्रिका कुमारतुंगा (1 बार) प्रधानमंत्री रहीं हैं। हरिनी अमरसूर्या साल 2020 में पहली बार सांसद बनी थीं। राजनीति में आने से पहले वह श्रीलंका ओपन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थीं।

दिल्ली यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई
उनका जन्म मिडिल क्लास फैमिली में हुआ है। पिता चाय बागान के मालिक थे। साल 1972 में श्रीलंका में भूमि सुधार कानून लागू होने के बाद अमरसूर्या के पिता का चाय बागान सरकार ने ले लिया, जिसके बाद वे गाले से कोलंबो आकर बस गए। साल 1988-89 में श्रीलंका में तमिल आंदोलन के कारण हालात बिगड़े। स्कूल-कॉलेज बंद हो गए। ऐसे में हरिनी आगे की पढ़ाई करने भारत आ गईं। यहां दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में दाखिला लिया। 1991 से 1994 तक सोशियोलॉजी की पढ़ाई की। उनके बैचमेंट चर्चित फिल्ममेकर इम्तियाज अली और पत्रकार अर्नब गोस्वामी थे।

ऑस्ट्रेलिया से पीएचडी की
अमरसूर्या ने भारत से लौटने के बाद स्वास्थ्य से संबंधित एनजीओ ज्वाइन किया। वहां वह सुनामी से प्रभावित बच्चों की मदद करती थीं। कुछ साल बाद वह पीएचडी की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया गईं। वहां से लौटकर आने के बाद साल 2011 में श्रीलंका में एक कॉलेज में प्रोफेसर बनीं।​​​​ साल 2015 में अमरसूर्या ​​​​​ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। तब उनका संपर्क दिसानायके से हुआ। वह साल 2019 में उनकी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना से जुड़ीं। साल 2020 में वह संसदीय चुनाव जीतकर सांसद बनीं।

21 नवंबर को संसद का पहला सत्र
21 नवंबर से श्रीलंका के संसद का पहला सत्र शुरू होगा। इस बार संसद में अधिकतर सांसद नए चुनकर आए हैं। आज शपथ ग्रहण समारोह के बाद राष्ट्रपति ने मंत्रिमंडल को संबोधित किया।
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