उत्तरकाशी. धराली में बीते दिनों आई आपदा से जनजीवन अस्त व्यवस्त हो चुका है. जिंदगियां अब भी पूरी तरह से पटरियों पर नहीं लौट पाई हैं. इस आपदा ने भारी तबाही मचाई. जिसके बाद सबकुछ तहस नहस हो गया था. इसे लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रदेश की धामी सरकार से पीड़ितों की हर संभव मदद की मांग की है. विशेषकर उन्होंने किसानों की सहायता करने की मांग की है.

पूर्व सीएम ने एक्स पर एक पोस्ट साझा किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘मुख्यमंत्री के नाम करबद्ध विनम्र प्रार्थना,
मैं उत्तराखंड का बर्बाद कृषक हूं, बर्बाद बागवान हूं. आपदा ने सब्जी का बड़ा भाग खेत में ही नष्ट कर दिया है, कुछ आलू बचे हैं. बाजार पहुंचाने के लिए कोई माध्यम नहीं है. मेरा यह दर्द धराली, हर्षिल का भी है, थराली और सोल गांव का भी है, मोरी और जौनसार का भी है, सरकार माई-बाप कुछ तो करो. हमारे उत्पादों को तुलवा दो उसका खरीद मूल्य दिलवा दो ताकि अगले साल कि मैं फसल उगा सकूं. मैं कमर कसने को तैयार हूं, आप तो मेरा हाथ थामिये. अभी तक आपने केवल मृतक को मिलने वाली सहायता दी है. कई क्षेत्रों में तो अहेतुक सहायता तक नहीं दी गई है.’

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कुर्सी के खेल में व्यस्त मंत्री विधायकों की राह ताक रहे जिलाधिकारी

हरीश रावत ने आगे लिखा कि ‘शायद जिलाधिकारी महोदय इस सहायता को बांटने के लिए देहरादून में कुर्सी-कुर्सी खेल रहे भाजपा के मंत्री और विधायक गणों का इंतजार कर रहे हैं. मैं कर्ज में डूबा हूं, बगीचा खत्म हो गया, होमस्टे खत्म हो गया, दुकान खत्म हो गई, खेती चौपट हो गई, हे भगवन अब मेरी सहायता के लिए आपका शुभ वाक्य मुखारबिंदु से कब निकलेंगे? मैं कल्पेश्वर से लेकर महासू देवता तक प्रार्थना कर रहा हूं कि आप कुछ तो ऋण माफी और ब्याज मुक्त ऋण जैसी घोषणाएं करिए ताकि मैं जीने की कुछ हिम्मत बांध सकूं. विनीत-मैं हूं उत्तराखंड का आपदा ग्रस्त’.