Hariyali Amavasya 2025 : श्रावण मास की अमावस्या यानी हरियाली अमावस्या आज 24 जुलाई, गुरुवार को है. पुष्य नक्षत्र और गुरुवार का दुर्लभ संयोग आज के दिन को और भी शुभ बना रहा है. यह दिन न सिर्फ प्रकृति से जुड़ाव का उत्सव है, बल्कि पितरों को प्रसन्न करने का भी खास अवसर है. पुराणों में उल्लेख है कि हरियाली अमावस्या के दिन अगर श्रद्धा से तर्पण और पिंडदान किया जाए तो पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है.

पौराणिक मान्यता क्या कहती है? (Hariyali Amavasya 2025)

स्कंद पुराण के अनुसार, हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) पर प्रकृति की पूजा और पितरों का स्मरण करने से दोगुना पुण्य मिलता है. यह दिन ‘वनमहोत्सव’ की तरह मनाया जाता है. खासकर जो लोग पितृदोष, अकाल मृत्यु या पूर्वजों से जुड़े सपनों से परेशान रहते हैं, उन्हें इस दिन अवश्य तर्पण करना चाहिए.

हरियाली से पितर प्रसन्न क्यों होते हैं?

मान्यता है कि जहां हरियाली होती है, वहां देवता और पितर वास करते हैं. इस दिन तुलसी, पीपल, आम, नीम जैसे पौधों का रोपण और पूजन करना पितरों की आत्मा को सुख पहुंचाता है.

क्या न करें इस दिन (Hariyali Amavasya 2025)

पेड़ों को काटना या पत्ते तोड़ना वर्जित है. मांसाहार, मद्यपान या झूठ बोलने से तर्पण का फल नष्ट हो जाता है. व्यर्थ विवाद या क्रोध से बचें. यदि आपने कभी पितरों के लिए कुछ विशेष नहीं किया, तो 24 जुलाई का दिन आपके लिए सबसे शुभ है.