सावन का महीना आने के बाद से ही महिलाएं हरियाली तीज (Hariyali Teej) का बेसब्री से इंतजार करने लगती हैं. हरियाली तीज (Hariyali Teej) श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. इस दिन विवाहित और अविवाहित लड़कियां दोनों ही व्रत रखती हैं. इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है. श्रावणी तीज को भी हरियाली तीज (Hariyali Teej) कहा जाता है. सुहागिन महिलाएं इस दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं.

कब है हरियाली तीज?

हरियाली तीज (Hariyali Teej) इस साल 27 जुलाई, रविवार को मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के मुताबिक, सावन शुक्ल तृतीया तिथि 26 जुलाई को रात 10:41 बजे शुरू होगी और यह तिथि 27 जुलाई को रात 10:41 बजे तक रहेगी. उदया तिथि के मुताबिक, हरियाली तीज 27 जुलाई को मनाई जाएगी. इस दिन रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है, जो शाम 4:23 बजे से शुरू होकर 28 जुलाई को सुबह 5:40 बजे तक रहेगा. रवि योग में पूजा और व्रत करना बहुत शुभ फल देने वाला माना जाता है.

पूजा का महत्व

हरियाली तीज (Hariyali Teej) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है. यह भोलेनाथ और मां पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतिक है. इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने भोलेनाथ को अपने पति के तौर पर पाने के लिए बहुत कठिन तपस्या की थी. उन्होंने 108 जन्मों तक तपस्या की और उसके बाद भोलेनाथ को पति के रूप में प्राप्‍त किया था. इस दिन पूजा करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. जो महिलाएं इस दिन सच्चे मन से पूजा करती हैं, उनका वैवाहिक जीवन हमेशा सुखी रहता है.

हरियाली तीज पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
  • पूजाघर को साफ करें, संभव हो तो गोबर का लेपन करें और गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें.
  • घी का दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें  निर्जला व्रत रखने का संकल्प करें (या फलाहार व्रत का).
  • सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करें और विशेष रूप से हरे रंग की साड़ी, चूड़ियां, बिंदी आदि पहनें.
  • पूजा के लिए माता की चौकी सजाएं और उस पर मिट्टी या बालू से बनी शिव-पार्वती की प्रतिमा रखें.
  • यदि मिट्टी की प्रतिमा संभव न हो, तो शिव-पार्वती की फोटो या मूर्ति से भी पूजा कर सकते हैं.
  • पूजा की शुरुआत शिव-पार्वती का आवाहन करके करें.
  • शिवजी का अभिषेक गंगाजल और पंचामृत से करें.
  • माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं जैसे काजल, चूड़ी, सिंदूर, बिंदी आदि अर्पित करें.
  • बेलपत्र, धतूरा, सुपारी, अक्षत, फूल, फल, चंदन और नैवेद्य आदि अर्पित करके पूजा पूर्ण करें.
  • इसके बाद हरियाली तीज की व्रत कथा श्रद्धा से पढ़ें.
  • पूजा के अंत में शिव-पार्वती की आरती करें और प्रार्थना करें.
  • अगले दिन मिट्टी की प्रतिमा और पूजन सामग्री को बहते जल में विसर्जित कर दें.