शिरोमणि कमेटी की आज जनरल बैठक चल रही है। अध्यक्ष के चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है। एक ओर शिरोमणि अकाली दल ने हरजिंदर सिंह धामी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, अकाली दल के बागी गुट ने बीबी जगीर कौर को हरजिंदर धामी के खिलाफ मैदान में उतारा है। इस सिलसिले में शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों की एक बैठक भी हुई।
इस पर बीबी जगीर कौर ने कहा कि सफलता या हार का फैसला तो परमात्मा के हाथ में होता है। पहले कहा जाता था कि कौन उम्मीदवार बनेगा, यह रब या बादल साहिब को ही पता होता था। आज यह साफ हो गया कि अब रब ही जानता है, बादल साहिब को नहीं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के लिए उनकी जान हमेशा हाज़िर है। वे श्री अकाल तख्त साहिब के लिए समर्पित हैं। सदस्य सेवा करते हैं और कोई तनख्वाह नहीं लेते।
उन्होंने आरोप लगाया कि अकाली दल को अब पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया है, और यह एक काला फैसला होगा जो अकाली दल के इतिहास में दर्ज होगा। कार्यकर्ता रो रहे हैं, और वोटर परेशान हैं। पार्टी में फूट पड़ने से कोई इधर जाएगा तो कोई उधर, जिससे एकता भंग होगी। यदि पार्टी एकजुट होती तो सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना जा सकता था।

बलविंदर सिंह भुंदर ने की बैठक अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भुंदर ने सोमवार को हरमंदर साहिब स्थित तेजा सिंह समुद्री हॉल में अकाली दल से जुड़े शिरोमणि कमेटी के सदस्यों से बातचीत की। इस बैठक का उद्देश्य चुनावों की रूपरेखा तैयार करना था।
एडवोकेट धामी को 2002 में मिली थीं 104 वोटें एडवोकेट धामी और बीबी जगीर कौर 2002 के शिरोमणि कमेटी चुनाव में भी आमने-सामने थे। उस दौरान धामी को 104 वोट मिले थे, जबकि बीबी जगीर कौर को 45 वोट मिले थे। पिछले साल, शिरोमणि कमेटी के 151 सदस्यों में से 136 ने वोट दिया था, जिसमें एडवोकेट धामी को 118 और उनके विरोधी बाबा बलबीर सिंह घुंस को सिर्फ 17 वोट मिले थे।
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