Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना जाता है. लेकिन इस व्रत से एक दिन पहले ‘करू भात’ खाने की परंपरा है, जिसे कई जगहों पर ‘सत्यनारायण भात’ भी कहा जाता है. सवाल उठता है कि आखिर इस खास भोजन को व्रत से पहले क्यों खाया जाता है और इसकी मान्यता क्या है.
Also Read This: Ganesh Utsav 2025: क्यों जरूरी है पान पर सुपारी गणेश की स्थापना, जानें धार्मिक मान्यता और महत्व

Hartalika Teej 2025
मान्यता है कि तीज व्रत से एक दिन पूर्व तिजहारिन महिलाएं करू भात खाकर अगले दिन का निर्जला व्रत करने की शक्ति प्राप्त करती हैं. इसे खाने का उद्देश्य केवल शारीरिक ऊर्जा ही नहीं, बल्कि मानसिक स्थिरता भी माना जाता है. यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और इस व्यंजन को पवित्रता और सरलता का प्रतीक माना जाता है.
Also Read This: कब मनाई जाएगी रोट तीज व्रत ? जानिए जैन समाज की खास परंपरा
कहा जाता है कि करू भात भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने का एक साधन है. महिलाएं इसे ग्रहण कर संकल्प लेती हैं कि अगले दिन वह निर्जला व्रत पूरी श्रद्धा से करेंगी. वहीं लोक मान्यता यह भी है कि इस भोजन को खाने से व्रती को प्यास और भूख की अधिक परेशानी नहीं होती और वह पूरे दिन सहज रूप से व्रत निभा पाती है.
Hartalika Teej 2025. इस तरह करू भात केवल भोजन नहीं, बल्कि आस्था और शक्ति का प्रतीक है, जो हरतालिका तीज व्रत को और भी पवित्र बना देता है.
Also Read This: Hartalika Teej 2025: आज करु भात के साथ शुरू होगा निर्जला व्रत, जानें परंपरा और धार्मिक महत्व
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें