Vinesh Phogat-Bajrang Punia: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज है। इसी बीच कुश्ती के दो धाकड़ खिलाड़ी विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया आज कांग्रेस (Congress) में शामिल हो रहे हैं। दोनों आज दोपहर 1.30 बजे कांग्रेस में शामिल होंगे। रेसलर बजरंग पूनिया ने खुद इसकी पुष्टि की है।
बता दें कि पिछले काफी समय से ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि कुश्ती के दोनों धाकड़ पहलवान कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले दोनों ने राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी।
दादरी सीट से विनेश फोगाट का लड़ना तय
कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विनेश फोगाट को कांग्रेस ने दो सीटों में से किसी एक का ऑप्शन दिया है। पहली है बधरा और दूसरी दादरी। दोनों सीटें चरखी दादरी में ही आती हैं। इसमें से दादरी सीट पर बबीता फोगाट भाजपा के टिकट पर 2019 में चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, वह तीसरे नंबर पर रहीं थी। निर्दलीय रहे सोमबीर सांगवान यहां से चुनाव जीते थे। अब सोमबीर कांग्रेस में हैं। अगर विनेश यहां से चुनाव लड़ती हैं तो फिर इस सीट पर दो बहनों के बीच मुकाबला होगा। हालांकि, कांग्रेस ने विनेश को साफ तौर पर कहा है कि वो जिस सीट पर भी कहेंगी, उन्हें टिकट मिल जाएगा।
बजरंग पूनिया के सीट को फिलहाल तस्वीर साफ नहीं
वहीं बजरंग पूनिया के सीट को फिलहाल तस्वीर साफ नहीं हुई है। जरंग पूनिया ने बादली सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। कांग्रेस बजरंग पूनिया की बादली सीट से टिकट देने के मूड में भी है। हालांकि मौजूदा विधायक कुलदीप वत्स भी दोबारा टिकट पाने की उम्मीद कर रहे हैं। अगर कांग्रेस बजरंग पूनिया की बात मानते हुए उन्हें बादली सीट से उम्मीदवार बनाती है तो मौजूदा विधायक कुलदीप वत्स का टिकट कट सकता है। सीट बचाने के लिए बुधवार रात कुलदीप वत्स ने कांग्रेस के संगठन महासचिव वेणुगोपाल से मिलकर गुहार लगाई है। सूत्रों के मुताबिक, वेणुगोपाल ने कुलदीप वत्स को समझाने की कोशिश की है लेकिन वत्स मानने को तैयार नहीं हैं।
हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान और 8 को मतगणना
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर को होगा. वहीं, मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। वहीं मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। इससे पहले यह तारीख 1 और 4 अक्टूबर थी लेकिन चुनाव आयोग ने इसमें बदलाव किया है। आयोग ने इसके पीछे की वजह बताते हुए सफाई दी कि बिश्नोई समुदाय के मताधिकार और परंपराओं दोनों का सम्मान करने के लिए यह फैसला लिया गया है। बिश्नोई समाज ने आसोज अमावस्या उत्सव में भाग लेने की सदियों पुरानी प्रथा को कायम रखा है। ये उस दिन अपने गुरु जम्बेश्वर की स्मृति में उत्सव मनाते हैं।
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कांग्रेस का पहलवान दांव
बता दें कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस पहलवान दांव खेलकर बीजेपी को पटखनी देने की कोशिश में लगी हुई है। दरअसल साल 2023 से चल रहे भारतीय पहलवानों के विरोध का कारण भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह थे। पहलवानों ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए लंबे संबे तक प्रोटेस्ट किया था।इस समय से ही पहलवानों की बीजेपी से नाराजगी साफ नजर आ रही थी।
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