Farmer Organizations On Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के मतदान की तिथि में चंद दिन पहले बीजेपी (BJP) को टेंशन बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। 13 फरवरी से धरने पर बैठे किसानों ने अब हरियाणा में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। किसान महापंचायत में बीजेपी को लेकर बड़ा आह्वान किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) और किसान मजदूर मोर्चा (kisan mazdoor morcha) के बैनर तले किसानों ने रविवार को यहां पिपली में ‘किसान महापंचायत’ की और लोगों से आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हराने का आह्वान किया।
दोनों किसान संगठन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत उनकी मांगों को स्वीकार करने के वास्ते सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डटे हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उनके मार्च को रोक दिया था।
PM Modi US Visit: ‘मैं देश में भटका, जो मिला खा लिया, जहां सोने को मिला सोया…’, न्यूयॉर्क में पीएम मोदी ने बताया कैसे राजनीति में आए
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों ने पिपली में ‘किसान महापंचायत’ में हिस्सा लिया और अपनी मांगों के समर्थन में तीन अक्टूबर को देशभर में ‘रेल रोको’ आंदोलन करने का भी फैसला किया। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा में बीजेपी सरकार द्वारा किसानों पर किए गए अत्याचार का बदला लेने का समय आ गया है। उन्होंने कहा अब किसान बदला लेंगे।
बीजेपी की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे’
हरियाणा की बीजेपी सरकार पर किसानों के खिलाफ बल प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा हम हरियाणा में बीजेपी की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। और किसानों के खिलाफ किए गए अत्याचारों का हिसाब लेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, किसान नेताओं ने हरियाणा के लोगों से वोट देने से पहले यह सोचने की अपील की कि मौजूदा सरकार ने पिछले 10 वर्षों में किसानों के लिए क्या किया है।
हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान और 8 को मतगणना
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर को होगा। वहीं, मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। वहीं मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। इससे पहले यह तारीख 1 और 4 अक्टूबर थी लेकिन चुनाव आयोग ने इसमें बदलाव किया है। आयोग ने इसके पीछे की वजह बताते हुए सफाई दी कि बिश्नोई समुदाय के मताधिकार और परंपराओं दोनों का सम्मान करने के लिए यह फैसला लिया गया है। बिश्नोई समाज ने आसोज अमावस्या उत्सव में भाग लेने की सदियों पुरानी प्रथा को कायम रखा है। ये उस दिन अपने गुरु जम्बेश्वर की स्मृति में उत्सव मनाते हैं।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें