Gurnam Singh Charuni On Bhupinder Singh Hooda: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में खुद सिर्फ 1100 वोट पाने वाले किसान नेता (भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष) गुरनाम सिंह चढूनी ने पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर बड़ा हमला बोला है। चढूनी ने कहा कि भूपिंदर हुड्डा काफी मूर्ख हैं। हमने कांग्रेस के पक्ष में हरियाणा में जो माहौल बनाया उसे वह नहीं भुना पाया। मेरा मानना है कि उसे विधानसभा में विपक्ष का नेता नहीं बनाना चाहिए।

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चढूनी ने कहा कि कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण है कि उसने कोई समझौता नहीं किया और कांग्रेस ने सब कुछ उन पर छोड़ दिया। मैं अब भी कांग्रेस आलाकमान को बताना चाहता हूं कि उन्हें भूपेन्द्र हुड्डा को विपक्ष का नेता नहीं बनाना चाहिए। चढूनी ने आरोप लगाए कि हुड्डा ने किसी से समझौता नहीं होने दिया और ऐसी मनमानी के परिणाम सामने है। 

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एक एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा पर पूरी जिम्मेदारी छोड़ दी थी, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल नहीं बन पाया। कांग्रेस के पक्ष में जो माहौल बना वह किसानों ने ही बनाया था। इसके बावजूद हुड्डा ने किसानों को कोई तव्वजो नहीं दी। उन्हें ही नहीं किसी अन्य किसान को भी कहीं से टिकट नहीं दी।

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जबकि भाजपा किसानों के विरोध में पहले से ही रही है। ऐसे में किसान कहां जाए। यही कारण रहा कि वे चुनाव में उतरे तो वहीं हर्ष छिक्कारा व रमेश दलाल भी उतरे। चढूनी ने आरोप लगाए कि हुड्डा ने किसी से समझौता नहीं होने दिया और ऐसी मनमानी के परिणाम सामने है। अब कांग्रेस को ऐसे किसी नेता को प्रतिपक्ष नेता के रूप में चुनना चाहिए, जो लड़ाई लड़ सके।

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किसान नेता के मुताबिक हुड्डा सभी को किनारे करते-करते खुद किनारे लग गए हैं। मुझे विश्वास था कि राहुल गांधी ने किसान नेताओं को चुनाव में तवज्जो देने की बात की थी। प्रियंका गांधी ने भी कहा था कि किसान नेताओं को साथ रखना फायदेमंद होगा, लेकिन भूपेंद्र सिंह ने ऐसा नहीं किया। चढूनी ने कांग्रेस हाईकमान से अपील की कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष न बनाएं। उन्होंने कहा, पिछले 10 सालों में भूपेंद्र सिंह ने विपक्ष की भूमिका नहीं निभाई, जबकि किसान यूनियन ने यह भूमिका निभाई है।

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किसान आंदोलन गलत हाथों में चला गया- चढूनी

वहीं, किसान आंदोलन के बारे में उन्होंने कहा कि यह गलत हाथों में चला गया है। मेरी विचारधारा अब यह है कि हमें संसद या विधानसभा में पहुंचना चाहिए, ताकि हम अपनी आवाज उठा सकें। चढूनी ने कहा कि वह लोगों की जागरूकता को लेकर हैरान हैं। आज कई किसान नेता भाजपा के साथ खड़े हैं। साल 2001 में मैंने अपने पैसों से जमीन मुक्ति का काम किया, लेकिन लोग उसे भूल गए। आज वही लोग बीजेपी के साथ हैं। उन्होंने कांग्रेस पर बड़ा हमला करते हुए कहा, राजनीति में पैसे का खेल आम है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के अहंकार ने उसे नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ ही चढूनी ने कांग्रेस को बचाने का रास्ता भी सुझाया। उन्होंने कहा कि अगर प्रियंका गांधी पार्टी की कमान संभालें, तो कांग्रेस बच सकती है। वरना, भाजपा का राज यहां से नहीं जाएगा। कांग्रेस को अपने नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कार्रवाई करनी चाहिए। यह सबसे जरूरी है।

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