हरियाणा सरकार (Haryana government) ने बाढ़ ग्रसित किसानों को मुआवजा देने के लिए क्षति पोर्टल खोल दिया है। यह 20 अगस्त तक खुला रहेगा।
जिन लोगों के मकान गिरे हैं या पशुओं की मौत हुई या फिर कोई बाढ़ से किसी सामान को नुकसान पहुंचा है, उसके लिए भी पोर्टल के जरिये आवेदन करना होगा। हालांकि इसकी विंडो सोमवार (24 जुलाई) तक अपडेट होगी।
पोर्टल पर आवेदन करने के बाद नुकसान का सत्यापन डीसी की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। क्षतिपूर्ति पोर्टल पर वही किसान अप्लाई कर सकते हैं, जिस गांव में फसल खराब हुई है।
प्रभावित गांव का चयन डीसी कार्यालय की तरफ से किया जा रहा है। अगर किसी गांव में फसल खराब हुई है और किसान दर्ज कराना चाहते हैं तो उनको पहले उपायुक्त से अनुमति प्राप्त करनी होगी। जिला राजस्व अधिकारी से भी संपर्क करना होगा।
पहले पंजीकरण कराना जरूरी
ई-फसल क्षतिपूर्ति सूचना देने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पर फसल का पंजीकरण अनिवार्य है। क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नुकसान की जानकारी किसानों द्वारा डाली जाएगी। फिर टीम सर्वे करेगी। इसके बाद डीसी की कमेटी स्वीकृति प्रदान करेगी।
अभी इस पोर्टल पर वही किसान आवेदन कर सकेंगे, जिनकी फसल पूरी तरह से तबाह हो चुकी है और उस पर दोबारा बिजाई संभव नहीं है। सरकार के अनुसार कुछ ऐसी फसले हैं, जिन पर अभी दोबारा से बिजाई की संभावना है, उसका आकलन जुलाई के बाद होगा। करीब 18 हजार एकड़ में फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं और इनमें दोबारा बिजाई की संभावना नहीं बची है। इनमें पशुओं का हरा चारा, सब्जियों के अलावा कपास, मक्का व दलहन आदि की फसलें हैं। इन फसलों पर 15 हजार रुपये एकड़ मुआवजा दिया जाएगा।
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