हरियाणा में नए डीजीपी की तैनाती को लेकर फिर विवाद गहराता नजर आ रहा है. यूपीएससी की तरफ से हरियाणा सरकार द्वारा भेजे गए अधिकारियों के पैनल में खामियां बताकर उसे वापस भेज दिया गया है.

अब हरियाणा सरकार द्वारा नए सिरे से पैनल बनाकर यूपीएससी को भेजा जाएगा. मीडिया रिपोर्टस की माने तो हरियाणा सरकार द्वारा जो पैनल भेजा गया था उसमें पूर्व पुलिस महानिदेशक मनोज यादव का ब्यौरा नहीं दिया गया था. बल्कि ये लिखकर दिया गया था कि मनोज यादव डीजीपी के लिए अनिच्छा जता चुके है.

हरियाणा सरकार द्वारा भेजे गए पैनल में दूसरी कमी पैनल तैयार करने के लिए आयोग को भेजी गई एसीआर नियमानुसार वैध थी. जिसका प्रमाण पत्र भी नहीं भेजा गया था.

इसके अलावा पैनल में तीसरी कमी ये थी कि सरकार की तरफ वो प्रमाण पत्र भी नहीं भेजा गया जिसमें अफसरों की एसीआर में कोर्ट के निर्देश के अलावा सरकार की ओर भेजे गए निर्देश डोजियर और एसीआर में शामिल किए गए है.

10 आईपीएस अधिकारियों को भेजा गया था पैनल


हरियाणा सरकार की तरफ से 10 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम का पैनल तैयार करके भेजा गया. जिसमें आलोक मित्तल, अरशिंदर सिंह चावला, आरसी मिश्रा, मोहम्मद अकील, ओम प्रकाश सिंह, अजय सिंघल, शत्रुजीत कपूर, देशराज सिंह, आलोक कुमार राय, और एसके जैन का नाम शामिल है. आपको बता दें कि मौजूदा डीजीपी पीके अग्रवाल का कार्यकाल बीती 30 जून को खत्म हो गया था. सरकार ने उन्हें 15 अगस्त तक सेवा विस्तार दे रखा है.

अब कैसे भेजें जाएंगे नाम


डीजीपी मुख्यालय से सभी दस्तावेज प्राप्त होने के बाद गृह मंत्री अनिल विज के जरिए दस्तावेजों को यूपीएससी भेजने की मंजूरी सीएम मनोहर लाल खट्टर देंगे. जिसके बाद मुख्य सचिव संजीव कौशल इंटिग्रिटी सर्टिफिकेट जारी करेंगे. इसके बाद दस्तावेजों से संबंधित पूरी जानकारी यूपीएससी को भेजी जाएगी.

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