पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक के दौरान हरियाणा के पलवल जिले के मोहम्मदपुर गांव के लाल लांस नायक दिनेश शर्मा(Dinesh Sharma) शहीद हो गए. उनकी शहादत की खबर सुनते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई, और लोग उनके परिवार को सांत्वना देने के लिए एकत्रित होने लगे. शहीद के पिता दयाचंद शर्मा ने आंसुओं के साथ बताया कि उनके पांच बेटे हैं, जिनमें से तीन अभी भी सेना में सेवा कर रहे हैं, और दिनेश सबसे बड़े थे.
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शहीद दिनेश शर्मा के पिता दयाचंद शर्मा ने बताया कि उनके 5 बेटे थे, जिनमें से 3 सेवा में थे. दिनेश शर्मा सबसे बड़े बेटे थे, जो सीमा पर शहीद हो गए. दिनेश शर्मा के 2 भाई सेना में सेवा दे रहे हैं, जबकि उनके चचेरे भाई मुकेश, जो मेडिकल विंग में हैं, दिनेश की शहादत की खबर सुनकर अपने पैतृक गांव श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे हैं. दिनेश शर्मा आर्टिलरी डिवीजन 5 मीडियम में तैनात थे और दुश्मन की गोलीबारी में घायल होने के बाद इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. दिनेश की पत्नी पेशे से वकील हैं और उनके दो छोटे बच्चे भी हैं.
पुष्पेंद्र, दिनेश शर्मा के छोटे भाई, ने बताया कि दो दिन पहले उनकी भाई से बातचीत हुई थी, जिसमें दिनेश ने परिवार के सदस्यों का हालचाल पूछा था. दिनेश के करीबी मित्र प्रदीप ने जानकारी दी कि जब दिनेश ऑपरेशन के लिए रात 10:30 बजे जा रहे थे, तब उन्होंने फोन पर बात की थी और बताया कि वह ऑपरेशन के लिए तैयार हैं. प्रदीप ने यह भी कहा कि उन्होंने फोन काटने का सुझाव दिया क्योंकि ऑपरेशन के दौरान फोन की रोशनी से परेशानी हो सकती थी, और बाद में बात करने का वादा किया.
इसके बाद रात 3 बजे दिनेश का फोन आया, लेकिन हम उसे नहीं उठा सके. सुबह 7 बजे हमने दिनेश को वापस कॉल किया, तब उनके साथी ने फोन उठाया और बताया कि दिनेश शर्मा धमाके में घायल हो गए हैं. उन्हें चोट आई है और इलाज के लिए अस्पताल लाया गया है. इसके बाद हमें दिनेश के बलिदान की सूचना मिली.
पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से पहुंचाया जा रहा
पलवल जिले के मोहम्मदपुर गांव के सरपंच भूपराम पाठक ने बताया कि जब सेना ने दिनेश शर्मा के शहीद होने की सूचना उनके परिवार को दी, तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई. उन्होंने बताया कि कश्मीर में नागरिकों की आवाजाही पर प्रतिबंध और युद्ध जैसी स्थिति के कारण दिनेश शर्मा का पार्थिव शरीर हवाई मार्ग से नहीं लाया जा सका. सेना के जवान सड़क मार्ग से उनका शव गांव की ओर बढ़ रहे हैं, और उम्मीद है कि गुरुवार दोपहर तक यह पार्थिव शरीर गांव पहुंच जाएगा. पलवल जिले के डीसी हरीश वशिष्ठ ने भी पुष्टि की कि शहीद का शव गुरुवार दोपहर तक उनके पैतृक गांव मोहम्मदपुर पहुंचेगा, जहां उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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12 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे दिनेश शर्मा
दिनेश शर्मा ने वर्ष 2014 में सेना में भर्ती होकर देश की सेवा शुरू की और तब से वह लगातार इस क्षेत्र में सक्रिय रहे. उनकी तैनाती पिछले कुछ वर्षों से जम्मू-कश्मीर में थी, जहां उन्हें एक अनुशासनप्रिय और साहसी सैनिक के रूप में पहचाना जाता था. उनके साथी बताते हैं कि दिनेश हमेशा कर्तव्यनिष्ठा को प्राथमिकता देते थे और हर चुनौती का सामना साहस के साथ करते थे.
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