Hathras Stampede. यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 123 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे पर प्रशासन की कार्रवाई को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी की योगी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि इस मामले में छोटी-मोटी गिरफ्तारी दिखाकर सरकार सैकड़ों लोगों की मौत से पल्ला झाड़ना चाहती है.
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स उन्हें लिखे गए एक पत्र को शेयर करते हुए गिरफ्तारियों पर सवाल उठाए. ये चिट्ठी उन्हें हाथरस हादसे में पूछताछ के लाए गए रामलडैत यादव के बेटे अंकित यादव ने लिखी थी, जिसमें अंकित ने दावा किया है कि उसके पिता को घटनास्थल से दो किमी दूर थे लेकिन, फिर भी पुलिस उसके पिता को ले गई. इस घटना से उनका कोई वास्ता नहीं है.
अखिलेश यादव ने लिखा, उत्तर प्रदेश शासन-प्रशासन ‘हाथरस हादसे’ में अपनी नाकामी छुपाने के लिए, छोटी-मोटी गिरफ़्तारियां दिखाकर सैकड़ों लोगों की मौत से अपनी जिम्मेदारी का पल्ला झाड़ना चाहता है. अगर ऐसा हुआ तो इसका मतलब ये निकलेगा कि इस तरह के आयोजन में हुई शासनिक-प्रशासनिक विफलता से किसी ने कोई सबक नहीं लिया और ऐसी दुर्घटनाएँ भविष्य में भी दोहरायी जाती रहेंगी.
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उन्होंने कहा, शासन-प्रशासन किसी खास मंशा से व्यर्थ में ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर रहा है, जो मूल आयोजन स्थल से दूर थे और गिरफ्तारी के बाद उनको ही दोषी ठहराए जाने की तैयारी कर रहा है. ये गिरफ्तारियां स्वयं में एक षड्यंत्र हैं. इन गिरफ्तारियों की तुरंत न्यायिक जांच हो, जिससे उप्र की भाजपा सरकार का खेल जनता के सामने लाया जा सके.
अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि ऐसे आयोजन से उसका कोई लेना-देना नहीं था, तो फिर भाजपा सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं. इस कार्यक्रम में आए अधिकांश गरीब लोग दुखी, शोषित, पीड़ित, वंचित, दमित थे, इस आधार पर इसका मतलब तो ये भी निकलता है कि ऐसे लोगों से भाजपा सरकार का कोई सरोकार नहीं है. जबकि सबसे पहले सरकार का ध्यान ऐसे लोगों की तरफ ही जाना चाहिए. निंदनीय!
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