Hathras Stampede. यूपी के हाथरस जिले के फुलरई गांव में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 123 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं लगभग 150 लोग घायल हो गए हैं. बताया जा रहा है कि लोग भोले बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए दौड़ पड़े और एक-दूसरे के ऊपर गिर गए. लोग चीखते-चिल्लाते रहे, लेकिन भीड़ लोगों को रौंदती रही. मृतकों के शवों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. अधिकतर मौतों का कारण पसली टूटना, फेफड़े फट जाने व भगदड़ में दम घुटना बताया जा रहा है.

रातभर पीएम कराए जाने के बाद बुधवार को परिजन अपनों के शव अपने-अपने जिलों में लेकर रवाना हुए. अलीगढ़, हाथरस, एटा में इन सभी शवों का पीएम कराया गया. पीएम रिपोर्ट में पसली टूटना, सिर, हाथ-पैरों व शरीर के अंगों में चोट लगना इस बात को दर्शाता है कि सत्संग स्थल पर भगदड़ में कैसे लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए चलते गए. जो एक बार भीड़ में गिरा, वह दोबारा नहीं उठ पाया. 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, चिकित्सकों का कहना है कि अलीगढ़ में जिन 37 लोगों का पोस्टमार्टम हुआ उनमें 10 लोगों की मौत दम घुटने से हुई है. सिकंदराराऊ हादसे के 38 मृतकों के शव अलीगढ़ पहुंचे. इनमें 37 लोगों का पोस्टमार्टम हुआ. एक महिला की अभी भी शिनाख्त नहीं हो सकी है. सीएमओ के नेतृत्व में छह सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने हादसे में 10 महिलाओं की मौत भगदड़ में गिर जाने और दम घुटने (एस्फिक्सिया) से होना माना है.

इसे भी पढ़ें – हाथरस हादसा : NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने घायल महिलाओं से की मुलाकात, कहा- बाबाओं के पीछे न भागें

ये है माैत की वजह

अधिकतर लोगों की मौत का कारण शरीर में गंभीर चोट लगना है. कुछ की मौत सिर में गंभीर चोट आने और हड्डी टूट जाने से ब्रेन हेमरेज के चलते हुई है. करीब 12-15 लोगों की मौत लिवर, फेफड़े के फट जाने और बाकी लोगों की मौत सिर, कंधे, गर्दन, रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आने से हुई है.

छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक