बीडी शर्मा, दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह जिले की भाजपा में अंदरूनी मतभेद एक बार फिर सामने आ गए हैं। बुधवार को भाजपा जिला कार्यालय में आयोजित बैठक में हटा से बीजेपी विधायक उमादेवी खटीक ने अपनी ही सरकार के दो मंत्रियों पर अपनी विधानसभा में दखल देने के आरोप लगा दिए। प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार के सामने अचानक दिए इस बयान से सभा में मौजूद पदाधिकारी हैरान रह गए।

ऐसी घटनाएं दोबारा न हो- प्रभारी मंत्री

उमादेवी खटीक ने कहा कि जिले के दो मंत्री लगातार उनके विधानसभा क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रहे हैं। उन्होंने तीखे शब्दों में कहा कि “अगर मंत्री हटा में हस्तक्षेप नहीं रोकते तो वे वहां कार्यालय खोल लें, मैं इस्तीफा दे दूंगी।” विधायक ने मंत्रियों के नाम नहीं लिए, लेकिन उनके इशारे साफ थे। स्थिति बिगड़ते देख प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार ने माहौल शांत कराया और कहा कि “यह बड़ा परिवार है, बात आपस में सुलझा ली जाएगी। ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हों।”

राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने हंसते हुए झाड़ा पल्ला

संस्कृति पर्यटन एवं धर्मस्व राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने मीडिया के सामने इन आरोपों को निराधार बताते हुए पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने हटा विधायक उमादेवी खटीक के सामने कहा उनसे स्वयं पूंछ लें क्या मैंने इनके किसी कड़ी में दखल दिया है। इतना कहकर मीडिया के सामने हंसते हुए पल्ला झाड़ते नजर आए। हटा विधायक उमादेवी खटीक ने भी कहां परिवार की बात है गुस्सा आने पर मैंने बोल दिया था।

विधायक के इस बयान के बाद दमोह जिले की राजनीति में हलचल मच गई है। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा है कि मामला सिर्फ असंतोष का नहीं, बल्कि जिले की राजनीति में बढ़ते शक्ति संतुलन की लड़ाई का संकेत भी है। हालांकि संगठन इसे अभी ‘आंतरिक विवाद’ बताकर शांत करने में जुटा है।

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