लखनऊ. अक्सर होली के बारे में हमारे ख्याल होते हैं कि होली सिर्फ रंगों से खेली जाती है. रंगों औऱ गुलाल की होली हमने खूब देखी है. मथुरा की लट्ठमार होली, मोहल्लों की कीचड़वाली होली औऱ फूलवाली होली के बारे में हम सब जानते हैं. आपको ऐसी होली के बारे में बताते हैं जिसके बारे में आपने सुना भी नहीं होगा.
बनारस अपने अल्हड़पन औऱ बेलौस अंदाज के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. बनारसियों का अंदाज अपने में ही अनूठा और निराला है. बनारस को काशी की नगरी या भोले की नगरी भी कहा जाता है. काशी के मणिकर्णिका घाट पर भगवान शिव के भक्त ऐसी होली खेलते हैं जिसके बारे में आपने सोचा भी नहीं होगा. दरअसल शिवभक्त यहां चिता की राख से होली खेलते हैं. ये राख शमशान में जलाए गए मृत लोगों के शरीर की होती है.
भगवान शंकर के भक्त यहां चिताओं की ताजा राख को एक दूसरे के शरीर पर लगाते हैं. खास बात ये है कि चिताओं के पास बकायदा 51 वाद्ययंत्रों से गीत संगीत के माहौल में शवों को भगवान शिव को समर्पित किया जाता है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां ये परंपरा सैकड़ों सालों से चल रही है. खास बात ये है कि इस अनूठी होली को देखने के लिए दुनिया भर के सैलानी इकट्ठा होते हैं. विदेशियों में इस होली को लेकर बेहद क्रेज है. वे बड़ी तादाद में भस्म वाली होली देखने के लिए इकट्ठा होते हैं.